तबीयत बिगडड़ने पर बच्चों को शनिवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोटा लाया गया। यहां इलाज के दौरान शनिवार को दो दिन के बच्चे की मौत हो गई। मौतों से क्षेत्र में हड़कंप मच गई। कोटा स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टरों ने आनन-फानन में बाकि के 6 बच्चों को ऑब्जर्वेशन के लिए
बिलासपुर जिला चिकित्सालय के लिए रात 8 बजे रेफर कर दिया। टीकाकरण के बाद दो बच्चों की मौत के बाद पूरे ब्लॉक में हड़कंप मच गया है। स्वास्थ्य विभाग के अफसर मामले की जांच में जुटे हुए हैं।
कोटा में नहीं है शिशुरोग विशेषज्ञ
कोटा सीएचसी में शिशु रोग विशेषज्ञ नहीं है। जब दो दिन के शिशु की मौत हुई तब आनन-फानन में डॉक्टरों ने सभी बच्चों को बिलासपुर भेजा।
CG News: 108 एंबुलेंस नहीं मिली तो निजी वाहन से लाए
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में और बच्चों की मौत न हो जाए और समय पर हायर सेंटर में उपचार कराने के लिए जब शाम को सीएचसी कोटा के स्टॉफ ने 108 एबुलेंस को फोन किया । लेकिन समय पर 108 एंबुलेंस नहीं मिल पाई। ऐसे में कोटा सीएचसी में स्थित निजी एंबुलेंस की सहायता से सभी
बीमार बच्चों को कोटा से बिलासपुर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।
पटैता कोरीपारा में शुक्रवार को बच्चों को टीका लगाया गया था। इसके बाद दो दिन में दो शिशुओं की मौत हो गई। इन्हें बीसीजी और पेंटा वन का टीका लगाया गया था। शनिवार रात 6 बच्चों को सीएचसी कोटा से जिला अस्पताल बिलासपुर के लिए रेफर किया गया है।
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