तीन विधानसभा सीटें ऐसी, जहां पासा पलटते देर नहीं लगती, इन पांच सीटों पर हार-जीत का अंतर 10 हजार
पत्रिका टीम ने बुधवार को तखतपुर विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों का जायजा लिया। देखा कि गांवों में रहने वाले आज भी बुनियादी सुविधाओं से जूझ रहे हैं। यहां के मतदाताओं ने बताया कि तखतपुर शहरी क्षेत्र और उसके आसपास के गांवों में रहने वालों को सडक़, बिजली, पानी, नाली और गौठान की सुविधाएं मिल रही हैं, लेकिन ग्राम पांड, सैदा,चिचिदा, मेंड्रा, उसलापुर, घुरू, अमेरी, मेढ़पार,खरकेना,सागर, सावांताल, लमेर, भाड़म, घुटकू, लोखंडी के ग्रामीणों ने बताया कि बीते पांच वर्षों में मुख्य मार्ग बनाए तो गए, लेकिन गांव की अंदरूनी सडक़ों , नालियों , पेयजल पाइप लाइन की सुविधा नहीं होने से लोग परेशान हैं।
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उम्मीद तो इस बार भी कायम है…
ग्रामीण इस बार क्षेत्र का विकास होने और बुनियादी सुविधाएं मिलने की उम्मीदे लगाए बैठे हैं। सडक़ के साथ-साथ , पेयजल आपूर्ति, राशन कार्ड बनाने, बिजली गुल होने की समस्या से समाधान, प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र हाई व हायर सेकेंडरी स्कूलों का निर्माण, कॉलेजों का निर्माण होने की उम्मीद जताई जा रही है।
वर्ष 2018 चुनाव में विधानसभा के ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाएं दिलाने का वादा करते हुए इसे प्रत्याशियों ने मुद्दा बनाया था। इसमें सडक़, बिजली, नाली, पानी, स्वास्थ्य केन्द्र, हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूल का निर्माण समेत कई विकास कार्य कराने के वादे किए गए थे, लेकिन एक भी वादे पूरे नहीं हुए। सरकार की जल जीवन मिशन का काम अधूरा है तो कई ऐसे भी क्षेत्र हैं जहां हाई और हायर सकेंडरी स्कूल नहीं होने से बच्चों को 10-12 किलोमीटर साइकिल चलाकर जाना पड़ता है।
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फैक्ट फाइल
कुल मतदाता 243679
पुरुष मतदाता 123514
महिला मतदाता 120164
अन्य मतदाता ०1
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2018 चुनाव परिणाम
मतदान 162638(73.20 फीसदी)
कांग्रेस 52616(32.35 फीसदी)
जेसीसीजे 49625(30.51फीसदी)
भाजपा 45622(28.05फीसदी)
अन्य प्रत्याशी 13859(8.52फीसदी) पछले कई दशकों से नेताओं का लगातार आना जाना रहा है । उनसे कई बार सडक़ निर्माण की मांग की जा चुकी है, लेकिन नेताजी आते जरूर है, लेकिन मांगें सुनकर चले जाते हैं और सडक़ जस की तस रह जाती है।
प्रहलाद यादव, मेण्ड्रा
सुरेशा वर्मा, सैदा
कमलेश कुमार सागर
अश्वनी खैरवार, पांड