हिर्री निवासी उमेंद्र केंवट (34) शादी सुक्रिता केंवट से वर्ष 2017 में हुई थी। उनकी दो बेटियां व एक बेटा थे। तीन बच्चे होने के बाद भी उमेंद्र पत्नी के चरित्र पर शंका करते हुए मारपीट करता था। 1 जनवरी 2024 की रात इसी बात को लेकर पति-पत्नी के बीच विवाद हुआ और उमेंद्र ने रस्सी से गला दबाकर पत्नी की हत्या कर दी। उसके बाद कमरे में सो रहे तीनों बच्चों की हत्या कर दी। हत्याकांड की सूचना पर पुलिस ने आरोपी उमेंद्र को गिरफ्तार कर कोर्ट में चालान प्रस्तुत किया।
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दशम अपर सत्र न्यायाधीश अविनाश के. त्रिपाठी ने आरोपी उमेंद्र केंवट को धारा 302 के अंतर्गत चार हत्याओं के अपराध के लिए फांसी की सजा और 10 हजार रुपए अर्थदण्ड की सजा सुनाई है। शासन की ओर से अतिरिक्त लोक अभियोजक लक्ष्मीकांत तिवारी, अभिजीत तिवारी ने पैरवी की है।असहाय और निर्दोष बच्चों की हत्या की, मृत्यृदंड ही उचित कोर्ट ने कहा कि तीन अबोध- असहाय निर्दोष बच्चे, जिनकी हत्या करने का कोई कारण नहीं था। मात्र पत्नी पर एकपक्षीय चरित्रशंका के कारण वह अपने मनुष्य के रूप में जन्म लेने के बाद जीवन जीने का जो अधिकार मिला था, वह प्राप्त नहीं कर सके। आरोपी ने जिस तरह से अपराध किया गया है उसे देखते हुए सजा कम करने का कोई कारण नहीं है। इसलिए उसको मृत्युदंड देना ही समाज के बेहतर हित में उपयुक्त है।