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Bilaspur High Court: नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता को नहीं मिली गर्भपात की अनुमति, हाईकोर्ट ने कहा- गोद ले सरकार…जानिए पूरा मामला

CG High Court: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता की गर्भपात कराने की याचिका खारिज कर दिया है। कोर्ट ने राज्य सररकार को उस बच्चे को गोद लेने का आदेश देकर कहा…

बिलासपुरAug 30, 2024 / 09:51 am

Khyati Parihar

Bilaspur High Court
Bilaspur High Court: हाईकोर्ट ने एक मामले में दुष्कर्म की शिकार नाबालिग के अबॉर्शन की अनुमति देने से इनकार किया है। कोर्ट ने डॉक्टरी रिपोर्ट के आधार पर पाया कि 28 सप्ताह से अधिक का गर्भ होने के कारण गर्भपात करना पीड़िता के लिए खतरनाक होगा।
कोर्ट ने कहा कि यह भ्रूणहत्या न तो नैतिक होगी और न ही कानूनी रूप से स्वीकार्य। पीड़िता बच्चे को जन्म देगी और राज्य शासन उसके अस्पताल में भर्ती होने से लेकर सभी खर्च वहन करेगा। कोर्ट ने यह भी कहा कि राज्य सरकार बच्चे के जन्म के लिए सभी आवश्यक व्यवस्था और सब कुछ वहन करेगी।
यदि नाबालिग और उसके माता-पिता की इच्छा हो तो प्रसव के बाद बच्चा गोद लिया जाए। राज्य सरकार कानून के प्रावधानों के अनुसार आवश्यक कदम उठाएगी। यदि नाबालिग और उसके माता-पिता बच्चे को गोद देना चाहें तो सरकार कानूनी प्रावधानों के अनुसार बच्चे को गोद लेगी। इसके साथ ही कोर्ट ने नाबालिग के अबॉर्शन के लिए दायर याचिका को खारिज कर दिया।
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Bilaspur High Court: यह है मामला

राजनांदगांव जिला निवासी दुष्कर्म पीड़िता नाबालिग गर्भवती के अभिभावकों ने गर्भपात किए जाने की अनुमति देने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। कोर्ट के निर्देश पर 9 विशेषज्ञों की टीम ने पीड़िता की जांच की। जांच रिपोर्ट में कहा कि 20 सप्ताह का गर्भ समाप्त किया जा सकता है। वर्तमान मामले में पीड़िता 32 सप्ताह से अधिक समय की गर्भवती है। ऐसे में गर्भ समाप्त करना उसके स्वास्थ्य के लिए घातक है।

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