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बिलासपुर

Bilaspur High Court: 24 साल पहले 6 साल की मासूम से दरिंदगी, हाईकोर्ट ने 59 साल की उम्र में सुनाई कड़ी सजा

High Court: छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने 6 साल की बच्ची के साथ रेप की कोशिश करने वाले आरोपी की अपील को खारिज करते हुए तीन साल 6 महीने की सजा सुनाई है।

बिलासपुरSep 03, 2024 / 01:05 pm

Khyati Parihar

CG High Court, BILASPUR DISTRICT COURT
Bilaspur High Court: 24 साल पहले 6 साल की मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म करने का प्रयास करने के आरोपी की अपील को हाईकोर्ट ने खारिज किया है। कोर्ट ने आरोपी को चार सप्ताह के अंदर सरेंडर करने का आदेश दिया है। अगर आरोपी तय समय में सरेंडर नहीं करता है तो पुलिस उसे गिरफ्तार कर जेल भेजने के बाद कोर्ट को सूचना देगी।
दुर्ग जिला निवासी 35 वर्षीय आरोपी अगस्त 2001 को घर के सामने खेल रही 6 साल की मासूम बच्ची को अपने घर ले गया और दुष्कर्म का प्रयास किया। बच्ची रोते हुए उसके घर से बाहर आई।
बच्ची की मां ने रोने का कारण पूछा तो उसने आरोपी द्वारा किए गए कृत्य की जानकारी दी। मां ने मामले की रिपोर्ट लिखाई। पुलिस ने मेडिकल एवं आवश्यक कार्रवाई के बाद आरोपी को धारा 376, 511 के तहत गिरफ्तार कर न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया। ट्रायल कोर्ट ने पीड़िता के (Bilaspur High Court) बयान सहित 9 गवाहों का प्रतिपरीक्षण किया। आरोपी को 2002 में तीन वर्ष 6 माह कैद एवं 500 रुपए अर्थदंड की सजा से दंडित किया गया। आरोपी ने 2002 में सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील प्रस्तुत की। अपील लंबित रहने के दौरान आरोपी को जमानत मिल गई। अपील पर हाईकोर्ट में 28 अगस्त 2024 को अंतिम सुनवाई हुई।
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अपीलकर्ता के अधिवक्ता ने कहा कि मेडिकल रिपोर्ट में बलात्कार नहीं होना पाया गया है। सिर्फ प्रयास किया गया है। मामला 354 का बनता है। आरोपी ने जवानी में अपराध किया था वर्तमान में बुजुर्ग एवं विकलांग है, परिवारिक जिम्मेदारी भी है। इस कारण से जेल में बिताए हुए 10 माह 6 दिन को सजा में बदल कर छोड़ने निवेदन किया गया। शासन ने इसका विरोध किया। हाईकोर्ट ने सभी पक्षों के सुनने के बाद अपने आदेश में कहा कि मासूम के बयान से अपराध सिद्ब हुआ है। इसके अलावा अन्य गवाहों ने भी अपराध की पुष्टि की है। हाईकोर्ट ने अपील खारिज करते हुए अपीलकर्ता को 4 सप्ताह में सरेंडर करने का आदेश दिया है।

पॉक्सो एक्ट के बाद का अपराध होता तो मिलता आजीवन कारावास

आरोपी के बुजुर्ग और विकलांग होने के आधार पर सजा में छूट दिए जाने की बात सामने आने पर हाईकोर्ट ने कहा कि पॉक्सो एक्ट लागू होने के बाद यदि अपराध होता तो इसमें आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है। घटना के समय धारा 375 लागू थी। न्यायालय ने धारा 376 एवं 511 में सजा (Bilaspur High Court) सुनाई है, इस कारण से सत्र न्यायालय के आदेश में कोई त्रुटि नहीं हुई है। इसके साथ कोर्ट ने सजा में छूट देने से इंकार किया है।

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