इस संदर्भ में स्व संज्ञान याचिका की सुनवाई करते हुए डिवीजन बेंच ने बिलासपुर नगर निगम कमिश्नर से शपथ पत्र के साथ निगम सीमा के भीतर किए जा रहे रोकथाम के संबंध में जवाब पेश करने का निर्देश दिया है। याचिका पर अगली सुनवाई कोर्ट ने 27 जनवरी, 2025 को तय की है।
गुरुवार को जनहित याचिका की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस एके प्रसाद की डिवीजन बेंच में हुई। पूर्व में जारी निर्देश के तहत
प्रदेश के चीफ सेक्रेटरी ने महाधिवक्ता कार्यालय के ला अफसर के जरिए शपथ पत्र के साथ जवाब प्रस्तुत किया था। इसमें मुख्य सचिव ने बताया कि प्रदेशभर के स्कूलों के अलावा सार्वजनिक स्थलों पर कोटपा एक्ट को प्रभावी कर दिया गया है। स्कूलों के आसपास और सार्वजनिक स्थलों पर तंबाकू सहित नशे के सामान की बिक्री पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है। स्थानीय प्रशासन को कोटापा एक्ट के प्रावधानों का कड़ाई से पालन करने कहा गया है।
निगम आयुक्त को जवाब देने के निर्देश
शासन की ओर से पक्ष रखते हुए महाधिवक्ता ने डिवीजन बेंच को बताया कि कोटपा एक्ट के प्रावधानों के तहत पूरे प्रदेश में कार्रवाई की जा रही है।
बिलासपुर जिला व पुलिस प्रशासन द्वारा साझा अभियान चलाया जा रहा है। एक्ट में दिए गए प्रावधानों का उल्लंघन करने वाले दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। जुर्माना भी ठोंका जा रहा है। दुकानदारों से एक्ट का पालन भी कराया जा रहा है।
महाधिवक्ता के जवाब के बाद चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने इस पूरे मामले की गंभीरता के साथ लगातार निगरानी करने का निर्देश निगम कमिश्नर को दिया। साथ ही बिलासपुर नगर निगम कमिश्नर को शपथ पत्र के साथ जवाब प्रस्तुत करने कहा है। कोर्ट ने पूछा कि निकाय क्षेत्र में कोटपा एक्ट के प्रावधानों को किस तरह लागू किया जा रहा है।