मिली जानकारी के अनुसार यह अजीबोगरीब मामला शनिवार रात का है। सिरगिट्टी स्थिति श्मशान घाट में गांव के ही एक व्यक्ति का अंतिम संस्कार किया गया था। रात में भी इस चिता की लौ बनी हुई थी। तभी काले लिबास वाले दो
तांत्रिक, जिसमें एक महिला भी शामिल थी, जलती चिता के सामने एक महिला व एक पुरुष की फोटो को रख कर पूजन सामग्री के साथ विभिन्न क्रियाएं करते हुए मंत्र जाप करने लगे।
इसी बीच क्षेत्र के कुछ लोगों की नजर इन पर पड़ गई। उनके रोंगटे खड़े हो गए। उन्होंने औरों को इसकी जानकारी दी और देखते ही देखते यह खबर आग की तरह फैल गई। पहले तो लोग उनके पास जाने में ठिठक रहे थे। फिर कुछ युवाओं ने हिमत जुटाई और लाठी-डंडे के साथ धीरे-धीरे मौके पर पहुंचे। इस बीच (Bilaspur Crime News) युवाओं ने तांत्रिकों से पूछा कि यह तांत्रिक क्रिया क्यों की जा रही है। इस पर तांत्रिकों ने कोई जवाब नहीं दिया और अनदेखी करते हुए मंत्रजाप में लगे रहे।
इस बीच किसी अनहोनी की आशंका के मद्देनजर कुछ युवाओं ने
डंडा उठाया और वहां मौजूद पुरुष तांत्रिक को जम कर पीटा। इस मार से हड़बड़ाए दोनों तांत्रिक कुछ बोल नहीं पा रहे थे। तभी किसी ने सिरगिट्टी पुलिस को इसकी सूचना दे दी। पुलिस टीम मौके पर पहुंची और दोनों आरोपियों को हिरासत में लेकर थाने ले आई।
उज्जैन से बुलाई गई थी महिला तांत्रिक
पुलिस पूछताछ में पता चला कि तांत्रिक क्रियाओं में लिप्त एक महिला को उज्जैन से बुलाया गया था। क्योंकि उज्जैन को तंत्र साधना का केंद्र माना जाता है। सारे घटनाक्रम का वीडियो भी वायरल हो गया है।
ब्लड कैंसर को ठीक करने की जा रही थी साधना…!
इस मामले में सिरगिट्टी थाना प्रभारी विजय चौधरी ने बताया कि पूछताछ में एक आरोपी ने बताया कि क्षेत्रवासी शंकरलाल यादव के भांजे को ब्लड कैंसर है। तंत्र-मंत्र के माध्यम से उसके उपचार के लिए के लिए उसने अपने परिचित उज्जैन से तांत्रिकों को बुलाया था। बेहतर उपचार के लिए (Bilaspur Crime News) बीमार भांजे के माता-पिता की फोटो रख कर इस क्रिया को कर रहे थे। बहरहाल तीनों आरोपियों के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जा रही है। देर रात सूचना मिली कि सिरगिट्टी क्षेत्र स्थित श्मशान घाट में जलती चिता के सामने तांत्रिक क्रिया की जा रही है। किसी व्यक्ति द्वारा गंभीर बीमारी के इलाज के लिए यह सब कराया जा रहा था। इसमें दो आरोपियों के खिलाफ अंधविश्वास को फैलाने को लेकर प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की गई है। लोगों से अपील है कि बीमारी का इलाज डॉक्टरों की सलाह पर करें न कि किसी अंधविश्वास में पड़ें।