
Diwali 2023: बेरियम और लड़ी वाले पटाखों से बढ़ता है प्रदूषण, इसी की डिमांड
बिलासपुर। CG News: बेरियम और लड़ी वाले पटाखों से वायु प्रदूषण का खतरा बढ़ जाता है। इसके मद्देनजर एनजीटी ने कई राज्यों में इन पटाखों की बिक्री पर पाबंदी लगाई है, लेकिन समस्या यह भी है कि दीपावली में बेरियम और लड़ी वाले पटाखे ही लोग पसंद करते हैं और यह बाजार में बिक भी रहा है। वहीं सुप्रीम कोर्टऔर एनजीटी ने दीपावली के दिन रात 8-10 बजे तक ही पटाखे जलाने का समय निर्धारित किया है।
प्रदूषण को बढ़ने से रोकने और पटाखे को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने आदेश जारी कर दिए है। इस बार भी दिवाली और अन्य त्योहारों पर पटाखों के संबंध में सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन लागू रहेगी। बेरियम सॉल्ट वाले और लड़ी वाले पटाखे प्रतिबंधित रहेंगे। दिवाली की रात पटाखे सिर्फ रात 8 से 10 बजे तक ही चलाए जा सकेंगे। एनजीटी की ओर से जारी आदेश में बताया है कि कोर्ट द्वारा पटाखों के संबंध में वर्ष 2021 में जारी गाइडलाइन का सख्ती से पालन सुनिश्चित कराया जाए। इसका उल्लंघन करने वालों पर दंडात्मक कार्रवाई की जाए। इसके साथ ही राज्य शासन की ओर से कलेक्टरों को भी निर्देशित किया है कि वे शहरों की एयर क्वालिटी की नियमित मॉनीटरिंग कराएं और इसमें गिरावट होने पर उचित कदम उठाएं।
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सज गया पटाखों का बाजार...
बेरियम नमक मिले और लड़ी वाले पटाखों से बाजार सजा हुआ है। पिछले 3 दिनों में पटाखा बाजारों में खरीदारों की भीड़ बढ़ी है। जो भी खरीदार पहुंच रहे हैं उनकी पहली पसंद लड़ी वाले और बेरियम नमक वाले पटाखे ही पहली पसंद है और यह खुलेआम बिक भी रहे हैं।
आदेश में एनजीटी ने यह कहा...
एनजीटी द्वारा देश के कई राज्यों के एयर क्वालिटी में लगातार गिरावट आने और प्रदूषण बढ़ने के बाद मिली जांच रिपोर्ट के आधार पर कहा है कि जहां भी लड़ी, बेरियम नमक मिले पटाखे जलाए जा रहे है उससे प्रदूषण लगातार विकराल रूप लेता जा रहा है। इस पर रोक लगाया जाना जरूरी है। इसलिए ऐसे शहरों में सिर्फ 2 घंटे के लिए ही ग्रीन पटाखे जलाए जा सकेंगे। इसके लिए कलेक्टर की ओर से अनुमति जारी की जाएगी।
Published on:
10 Nov 2023 03:31 pm
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