बिलासपुर जिले में जब मतदान दलों ने ऐसे वरिष्ठजन और दिव्यांगजनों के घरों में दस्तक दी तो उनके चेहरे खुशी से खिल उठे। वे उत्साह के साथ लोकतंत्र के इस महापर्व में मताधिकार का प्रयोग कर अपनी जिम्मेदारी का बखूबी ढंग से निर्वहन कर रहे हैं और आयोग की इस व्यवस्था के लिए आभार जता रहे हैं। उनके चेहरे की मुस्कान यह बयां कर रही है कि घर पर ही मतदान कर पाने की सुविधा मिलने से उन्हें कितनी राहत मिली है।
छोड़ चुके थे आस
शहर के बाबजी पार्क कॉलोनी में रहने वाले 87 वर्षीय वीके शास्त्री ने भी डाकमतपत्र के जरिए होम वोटिंग की। उन्होंने बताया कि चल-फिर पाने में असमर्थ होने की वजह से उन्होंने वोट डाल पाने की उम्मीद छोड़ दी थी, लेकिन भारत निर्वाचन आयोग द्वारा दी गई इस सुविधा के चलते वे अपने मताधिकार का उपयोग कर पाए। कुदुदंड निवासी 90 वर्षीय श्रीमती शीला डेग्वेकर ने बताया कि पहले अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए उन्हें दूसरों पर आश्रित रहना पड़ता था, लेकिन अब मतदान दल के घर पर आने से बिना किसी असुविधा के लोकतंत्र के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाई है। 93 वर्षीय कल्पना विहार निवासी श्याम सुंदर वैदया ने कहा कि होम वोटिंग के माध्यम से घर पर ही अपने मताधिकार का प्रयोग कर पाने से बहुत राहत मिली है।