पूर्व मालिकों के गैर-जिम्मेदाराना रवैये से बढ़ी मुसीबत : 36 मॉल पर कब्जा लेने के लगभग एक महीना होने के बाद भी प्रबंधन द्वारा गैरजिम्मेदाराना रवैया अपनाने और बैंक प्रबंधन से लोन की किश्त के संबंध में किसी सकारात्मक ऑप्शन पर विचार नहीं करने पर बैंक ने चेतावनी जारी कर कहा है कि शीघ्र ही किश्त की अदायगी के संबंध में कोई निर्णय नहीं हुआ तो ऑक्शन ही अंतिम विकल्प होगा। बैंक ने साफ किया है सरफेसी एक्ट के तहत मॉल और मैरियट के अधिग्रहण के बाद प्रबंधन रिकवरी के संबंध में ऑप्शनों का खुलासा करे। अन्यथा मजबूरन अ्रन्य विकल्पों पर विचार करना पड़ेगा। बैंक की चेतावनी के बाद आखिरकार पूर्व संचालकों ने बैंक से संपर्क साधा, सहमति बनी कि जब तक रिकवरी के संबंध में कोई निर्णय नहीं होता, प्रबंधन का जिम्मा वे उठाएं।
किश्त अदायगी का ठोस प्लान अब तक नहीं : पीएनबी के अधिकारियों का कहना है 36 मॉल प्रबंधन 120 करोड़ के लोन की अदायगी के संबंध में कोई ठोस प्लान पेश करे। अधिग्रहण के 25 दिन गुजर जाने के बाद भी एकमुश्त रकम अदायगी के संबंध में कोई निर्णय नहीं हुआ है। किराया से बैंक की किश्तों का भुगतान असंभव है। अदायगी की तीन योजनाओं पर विचार विमर्श जारी है। मिल रहे किराए से खर्चे काटकर किश्त की राशि जमा की जाए, बैंक संचालन की जिम्मेदारी लेकर स्वयं किराया वसूले। दोनों विकल्पों के फेल होने की स्थिति में ऑक्शन अंतिम विकल्प होगा। हॉटल और मॉल बेचकर रकम वसूली जाए। फिलहाल बीच का मार्ग निकालकर प्रबंधन का जिम्मा से तो बैंक ने पीछा छुडा लिया है, लेकिन रिकवरी की समस्या बरकरार है।
किराया बैंक होगा जमा : पीएनबी प्रबंधन ने मॉल और होटल संचालन की जिम्मेदारी पूर्व मालिकों के जिम्मे दी है। किराया सीधे बैंक के खाते में जमा होगा, मेंटनेंस संबंधी सभी खर्चे बैंक की देखरेख में किए जाएंगे।
ललित अग्रवाल, समन्वयक, बैंकर्स क्लब बिलासपुर