बीएसएफ के बीकानेर सेक्टर की कैलाश, शेरपुरा और चित्रकूट सीमा चौकी घग्घर नदी के बहाव क्षेत्र में आती हैं। सोमवार को अनूपगढ़-रायसिंहनगर मार्ग पर बने घग्घर नदी के पुल को पानी पार कर पश्चिम की तरफ बढ़ गया। यहां से अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर ( indo pak border rajasthan ) करीब 8 किलोमीटर दूर है। अभी करीब एक हजार क्यूसेक पानी की आवक हो रही है। एेसे में बुधवार को पानी भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा की तारबंदी को पार कर जाएगा।
जरूरी संसाधनों की आपूर्ति की
इससे पहले वर्ष 2015 में तारबंदी घग्घर के पानी में डूबी थी। मुख्यालय पर रबड़ ट्यूब की फोल्ड करने की नावों को भी रखा गया है, ताकि आवश्यकता पर इन्हें बॉर्डर पर भेजा जा सके।
पाकिस्तान ने बना रखा है बंधा
घग्घर नदी के बहाव क्षेत्र में पानी पाकिस्तान की सीमा में घुसने के बाद थोड़ा आगे रोक दिया जाता है। असल में इस क्षेत्र में पाकिस्तान में हाकड़ा नहर से सिंचाई होती है। नदी के पानी से फसलों को बचाने के लिए पाकिस्तान ने मिट्टी का बंधा बनाया हुआ है।
पटड़ों को किया मजबूत
बीएसएफ ने बॉर्डर पर घग्घर बहाव क्षेत्र में बारिश का पानी ( heavy rain ) भरना शुरू होने से गश्त के लिए बनाए पटड़ों को मजबूत किया है। करीब दो फीट पानी आने तक नावें नहीं चल पाएंगी। एेसे में बीएसएफ इन पटड़ों पर ही गश्त करेगी। ढाई से तीन फीट पानी होने पर नाव चलने लगेगी।