कार्यकारी समिति का होगा गठन बीकानेर विकास प्राधिकरण के लिए कार्यकारी समिति का गठन होगा। इसमें आयुक्त अध्यक्ष, के साथ सचिव, जिला कलक्टर, पुलिस अधीक्षक, विभाग के अधिकारी शामिल होंगे।इसके साथ ही बोर्डों का गठन किया जाएगा। सबसे महत्वपूर्ण बीकानेर यातायात नियन्त्रण बोर्ड होगा। जो तीस किलोमीटर परिधि की यातायात संबंधी परेशानियों के समाधान के साथ भविष्य में बसावट के दौरान यातायात के लिए ठोस प्रावधान करेगा। इसमें परिवहन तथा संचार बोर्ड, जल संसाधन प्रबन्धन बोर्ड, आवासन, नगरीय नवीनीकरण और परिस्थतियां बोर्ड भी गठित होंगे। प्रत्येक बोर्ड में अध्यक्ष सहित सदस्य होंगे।
अध्यक्ष की नियुक्ति करेगी सरकार बीकानेर विकास प्राधिकरण की संरचना में सबसे ऊपर अध्यक्ष होगा। इसकी नियुक्ति राज्य सरकार की ओर से की जाएगी। यह एक तरह से राजनीतिक नियुक्ति होगी। बीकानेर विकास आयुक्त उपाध्यक्ष होंगे। यूडीएच का उप सचिव की रैंक का प्रतिनिधि सदस्य होगा। साथ ही राजस्थान आवासन बोर्ड के बीकानेर रीजन आयुक्त, जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य अभियंता, पीडब्यूडी के अतिरिक्त मुख्य अभियंता, जिला कलक्टर व पुलिस अधीक्षक के साथ निगमों, बोर्ड, स्थानीय निकाय व डेयरी आदि के अधिकारी शामिल होंगे।
रीजन का होगा एकीकृत विकास प्राधिकरण का मुख्य उद्देश्य बीकानेर रीजन का एकीकृत विकास करना होगा। इस प्रयोजन के लिए प्राधिकरण के पास शक्तियां होगी। मास्टर विकास योजना और जोनल विकास योजनाएं तैयार कर उन्हें धरातल पर उतारने के कार्य किए जाएंगे। बीकानेर रीजन के सम्पूर्ण विकास के लिए प्रस्ताव राज्य और केन्द्र सरकार को देंगे। परियोजनाओं और स्कीमों को लागू करने के साथ आवासीय कार्य संपन्न होंगे।
यह शहर, कस्बे और गांव किए शामिल बीकानेर विकास प्राधिकरण के दायरे में बीकानेर शहर के साथ देशनोक व नापासर कस्बा शामिल होगा। इसके साथ ही तहसील बीकानेर के 166 गांव, तहसील कोलायत के 17 गांव, तहसील नोखा के दो गांव बीडीए के क्षेत्राधिकार में शामिल है।
64 साल रहा नगर विकास न्यास नगर विकास न्यास बीकानेर की स्थापना 1960 में की गई थी। बीते 64 साल में यूआईटी ने शहर की पैराफेरी में कई आवासीय कॉलोनियां और व्यवसायिक मार्केट विकसित किए है। खासकर शहर के सौन्दर्यकरण, स्ट्रीट लाइटों, पार्क विकसित करने के कई एतिहासिक काम किए है। उतार-चढ़ाव भरा सफर रहने के दौरान बीते छह साल से न्यास में अध्यक्ष की कुर्सी खाली है। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के पांच साल के शासन में न्यास अध्यक्ष मनोनीत नहीं किया गया। अब न्यास को विकास प्राधिकरण बनाने के साथ ही बीकानेर की गिनती प्रदेश के बड़े शहरों जोधपुर, कोटा और उदयपुर के साथ होने लगेगी।
अब तक रहे 9 अध्यक्ष न्यास में बीते 64 साल में राज्य सरकारों ने अध्यक्ष के पद पर जनप्रतिनिधियों को नियुक्त किया। अब तक 9 अध्यक्ष रहे है। अंतिम मनोनीत अध्यक्ष महावीर रांका भाजपा सरकार के पिछले कार्यकाल में रहे थे। अब तक रावतमल कोचर, द्वारका प्रसाद पुरोहित, मक्खन जोशी, भवानी शंकर शर्मा, भंवरलाल कोठारी, सोमचंद सिंघवी, श्रीगोपाल अग्रवाल, मकसूद अहमद और महावीर रांका अध्यक्ष रहे है। शेष कार्यकाल में जिला कलक्टर के पास न्यास की बागडोर रही। वर्ष 1960 में पहले न्यास अध्यक्ष के रूप में तत्कालीन कलक्टर आरके सक्सेना ने कार्यभार संभाला था।
अधिसूचना जारी बीकानेर विकास प्राधिकरण को लेकर सरकार की ओर से अधिसूचना जारी कर दी गई है। बीडीए का लाभ आमजन को मिलेगा। शहर का दायरा बढेगा और नई योजनाएं बनेगी। आवश्यक पदों की स्वीकृतियां और नियुक्तियां होनी है। बीडीए के लिए अधिसूचित गांवों की संख्या 185 हैं। प्राधिकरण की व्यवस्था अनुसार जल्द कार्य प्रारंभ होंगे।
अर्पण गुप्ता, सचिव नगर विकास न्यास, बीकानेर।