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बीकानेर

तीन सौ एकड़ भूमि मिले तो पूरा राजस्थान भरे उड़ान

– पांच हवाई अड्डों के विस्तार के लिए राज्य सरकार को देनी है जमीन
– केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय भेज चुका राज्य सरकार को पत्र

बीकानेरOct 14, 2021 / 06:47 pm

dinesh kumar swami

तीन सौ एकड़ भूमि मिले तो पूरा राजस्थान भरे उड़ान

तीन सौ एकड़ भूमि मिले तो पूरा राजस्थान भरे उड़ान

दिनेश स्वामी

बीकानेर. प्रदेश के पांच प्रमुख शहरों को देश के महानगरों से हवाई सेवा से जोडऩे के लिए तीन सौ एकड़ भूमि की दरकार है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कोटा में नया एयरपोर्ट बनाने के लिए १२५० एकड़ नि:शुल्क भूमि एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को देने की घोषणा कर चुके है। जबकि बीकानेर, जोधपुर, उदयपुर और उत्तरलाई (बाड़मेर) के सिविल एयरपोर्ट को विस्तार के लिए राज्य सरकार ने भूमि उपलब्ध नहीं कराई है। कुल मिलाकर केन्द्र सरकार को विमानन क्षेत्र संबंधी योजनाओं के क्रियांवयन के लिए ३०० एकड़ भूमि प्रदेश में चाहिए। केन्द्रीय उड्डयन मंत्रालय ने मुख्यमंत्री को पत्र भी भेजा हुआ है।
फ्लाइटों की संख्या बढ़ेगी, विकास को लगेंगे पंख

प्रदेश पर्यटन की दृष्टि से देश-दुनिया में प्रमुख स्थान रखता है। एेसे में राजधानी जयपुर की तरह प्रदेश के संभाग मुख्यालयों से देश के अन्य राज्य पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र, यूपी-बिहार, जम्मू-कश्मीर और नार्थ-इस्ट के राज्यों के लिए हवाई सेवा शुरू करने के लिए मौजूदा हवाई अड्डों के विस्तार की आवश्यकता है। विस्तार से उन शहरों के लिए हवाई सेवा शुरू हो जाएगी, जहां अभी नहीं है। साथ ही इन शहरों की होटल, एज्युकेशन, खनन समेत अन्य इंडस्ट्री को फायदा होगा और विकास को पंख लग जाएंगे।
कहां कितनी भूमि की जरूरत

एयरपोर्ट भूमि चाहिए

बीकानेर (नाल) ५८.८८ एकड़

उदयपुर १४५ एकड़

जोधपुर ५५.९ एकड़

उत्तरलाई (बाड़मेर) ५१ एकड़

कोटा (शंभूपुरा) १२५० एकड़

राज्य को अभी प्रयास करने इसलिए जरूरी….
– भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण-एएआइ ने देश में हवाई यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए अगले चार साल में २० हजार करोड़ रुपए खर्च कर हवाई अड्डों का विस्तार और विकास करने का कार्य शुरू कर रखा है।
– बीकानेर, जोधपुर, उदयपुर प्रदेश के प्रमुख पर्यटक स्थलों में शामिल है। एेसे में देश के महानगरों से सीधी हवाई सेवा शुरू होने पर पर्यटन का सबसे बड़ा फायदा होगा। वर्तमान सिविल एयरपोर्ट पर हवाई पट्टी ४००० फीट (रनवे) की है। जैट श्रेणी के विमान संचालन के लिए ९ हजार फीट के रनवे की आवश्यकता पड़ती है।
प्रदेश से यह चाहिए केन्द्र को….केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के अनुसार

– उदयपुर: रनवे के उन्नयन के लिए डीजीसीए के मापदंडों को पूरा करने के लिए भूमि की आवश्यकता है।

– बीकानेर: सिविल एन्क्लेव विस्तार के लिए नाल सिविल एयरपोर्ट को भूमि की आवश्यकता है।
– जोधपुर: हवाई अड्डे पर एप्रन और टर्मिनल भवन, एएआइ आवसीय कॉलोनी और सीआइएसएफ क्वार्टरों के लिए भूमि चाहिए।

– बाड़मेर: उत्तरलाई हवाई अड्डे पर न्यू सिविल एन्क्लेव के विकास के लिए भूमि की आवश्यकता है।
– कोटा: पुराने एयरपोर्ट के विस्तार के लिए भूमि चाहिए थी। मुख्यमंत्री गहलोत उसकी जगह ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट बनाने के लिए १२५० एकड़ भूमि देने की घोषणा कर चुके है। अब भूमि अधिग्रहण कर सुपुर्द की जानी है।
– क्षेत्रीय हवाई सम्पर्क कोष न्यास के लिए वीजीएफ शेयर के रूप में बकाया ०.९४ करोड़ रुपए राज्य सरकार को देने है।

– राज्य क्षेत्रीय सम्पर्क योजना (आरसीएस) मार्गों के लिए शत-प्रतिशत व्यवहार्यता अंतर निधि के लिए राज्य सरकार को सहमति देनी है।
बीकानेर में भूमि आवंटन को बहाल करने की सिफारिश

बीकानेर जिला कलक्टर ने प्रमुख शासन सचिव को भारतीय विमानपतन प्राधिकरण को सिविल एयरपोर्ट के लिए भूमि आवंटन के लिए पत्र भेजा है। इसमें वस्तुस्थिति की रिपोर्ट भेजकर कहा गया कि बीकानेर जिला अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित होन के कारण सामरिक दृष्टि से महत्व है। जिले के औद्योगिक विकास एवं भविष्य की आवश्यकताओं के दृष्टिगत सिविल एयर पोर्ट का विकास और विस्तार आवश्यक है। एेसे में २५ अक्टूबर २०१९ को एयरपोर्ट विस्तार के लिए आवंटित भूमि को निरस्त करने के आदेश को वापस लिया जाए। जिससे भूमि आवंटन बहाल हो सकें।

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