प्रेमसुख (IPS Premsukh Delu) का जन्म बीकानेर में किसान परिवार में हुआ। पिता ऊंटगाड़ी चलाते थे और उनकी आर्थिक स्थिति कमजोर थी। जिस कारण सरकारी स्कूल से पढ़ाई कर हिस्ट्री में एमए किया और गोल्ड मेडलिस्ट बने। बड़े भाई राजस्थान पुलिस में कांस्टेबल थे, उन्होंने प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए प्रेरित किया और एग्जाम देकर पहले अटेम्प्ट में प्रेमसुख पटवारी बने। उसके बाद शुरू हुई सफलता की यात्रा प्रेमसुख ने राजस्थान पुलिस में सब इंस्पेक्टर के रूप में चयनित होने के बावजूद भी उन्होंने इसमें शामिल नहीं होने का फैसला किया और राजस्थान सहायक जेल परीक्षा में टॉप करने के बाद सहायक जेलर की भूमिका चुनी। तहसीलदार और कॉलेज व्याख्याता के रूप में प्रस्तावों को अस्वीकार करते हुए, वह स्कूल व्याख्याता के रूप में शिक्षा विभाग में शामिल हो गए।
उनकी आईपीएस यात्रा 2016 में शुरू हुई जब उन्होंने गुजरात कैडर को चुनते हुए और हिंदी मीडियम से बेहतर प्रदर्शन करते हुए 170वीं अखिल भारतीय रैंक के साथ यूपीएससी परीक्षा पास की।
ये बताया Success Mantra
प्रेमसुख डेलू का सक्सेस मंत्र यही है कि पढ़ाई हमेशा जारी रखनी चाहिए और तब तक पीछे नहीं हटना चाहिए जब तक कामयाबी हासिल नहीं हों, लेकिन उस वक्त जो भी रास्ते में मिलें उन्हें बिल्कुल नहीं छोड़ना चाहिए। ऑप्शन के तौर पर समझौता नहीं करें। मंजिल तक पहुंचने के लिए कभी पीछे नहीं हटें। इसके अलावा उनका मानना है कि नोट्स बनाना जरुरी है और यूपीएससी के कोर्स को पूरा करने के लिए, प्रेमसुख की उम्मीदवारों को सलाह है कि वह यह तय करें कि क्या पढ़ना है और क्या छोड़ना है। ऐसा करने से उम्मीदवार इम्पोर्टेन्ट सब्जेक्ट्स पर अपना ध्यान केंद्रित कर पाएगा। ऐसा करने से सफल होने के चांस बढ़ सकते हैं।