ई-मित्र केंद्र, बैंक या समिति से कराएं फसल बीमा
राजस्थान के संयुक्त निदेशक (कृषि) विस्तार कैलाश चौधरी ने बताया कि जो ऋणी कृषक पिछले वर्ष में बीमित फसलों में परिवर्तन करवाना चाहते हैं, वे बैंक में 29 जुलाई तक लिखित रूप में दे सकते हैं। फसल बीमा योजना का लाभ ऋणी, गैर ऋणी, बटाईदार किसान भी ले सकेंगे। जिन किसानों ने किसी भी वित्तीय संस्थाओं से अल्पकालीन फसली ऋण स्वीकृत करवाया है, उन किसानों का बीमा संबंधित बैंक या सहकारी समिति के माध्यम से किया जाएगा। जिन किसानों ने ऋण नहीं ले रखा है, वे किसान नजदीकी ई-मित्र केंद्र या किसी भी बैंक या समिति के माध्यम से फसलों का बीमा करवा सकते हैं।
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फसल बीमा योजना के प्रभारी अधिकारी डॉ मानाराम जाखड़ ने बताया कि खरीफ फसलों का बीमा करवाने के लिए किसानों को कुल बीमित राशि का 2 प्रतिशत प्रीमियम राशि जमा करानी होगी। खरीफ फसलों के बीमा के लिए प्रति हैक्टेयर प्रीमियम की राशि ग्वार 357, मूंग 735, मोठ 376, मूंगफली 2897, कपास 1547, बाजरा 209, एवं तिल 360 रुपए रहेगी।
ऋण नहीं चाहते तो फॉर्म जमा कराएं
कृषि अधिकारी मुकेश गहलोत ने बताया कि खरीफ 2020 से यह योजना ऋणी कृषकों के लिए स्वैच्छिक कर दी गयी है। इसके अंतगर्त वे ऋणी कृषक अपनी फसलों का बैंक से बीमा नहीं करवाना चाहते, वे फॉर्म भरकर 24 जुलाई तक बैंक में जमा करवाएं। इससे बैंक द्वारा उनकी फसलों का बीमा नहीं किया जाएगा।