एडीपी और ईडीपी में यह होगा
– एडीपी उन छात्रों के लिए है जो तेजी से अपनी पढ़ाई पूरी करना चाहते है। छात्र हर सेमेस्टर में ज्यादा क्रेडिट हासिल कर सकते है। इस विकल्प से अपनी डिग्री की पढ़ाई को जल्दी पूरी कर सकते है।– डिग्री पर लिखा जाएगा कि इसे कितने समय में की गई है। चाहे आप डिग्री जल्दी पूरी करें या ज्यादा समय लेंवे, दोनों की मान्यता बराबर होगी।
जानिए कैसे यह सिस्टम काम करेगा
– छात्र पहले या दूसरे सेमेस्टर के अंत में एडीपी या ईडीपी के विकल्प को चुन सकते है। – एडीपी में छात्र दूसरे या तीसरे सेमेस्टर से अतिरिक्त क्रेडिट लेना शुरू कर सकते है।– ईडीपी में शामिल होने वाले छात्र हर सेमेस्टर में कम क्रेडिट ले सकते है।
– यूनिवर्सिटी या हायर एज्युकेशन इंस्टीट्यूट एक समिति का गठन करेगी।
-सिलेबस और क्रेडिट फ्रेम वर्क में तय किया जाएगा। यह होगा फायदा – इससे पढ़ाई का तनाव कम होगा। डिग्री करने को लेकर समय की पाबंदी नहीं रहेगी।
– कुछ समय जल्दी डिग्री पूरी कर आगे की पढ़ाई शुरू कर सकेंगे। – दुनियाभर में भारतीय डिग्री की माध्यता बढ़ेगी।
कुछ चुनौतियां भी साथ
यह सुनने में अच्छा लग रहा है कि लेकिन, इसके लिए क्रेडिट सिस्टम विद्यार्थी और शिक्षक के आधार पर बना हुआ है। खासकर प्रेक्टिकल विषय एक साथ करने की व्यवस्था बनानी होगी। शिक्षण संस्थानों में पढ़ाई की व्यवस्था अभी तय समय के अनुसार ही बनी हुई है। टाइम घटाने और बढ़ाने के अनुसार शिक्षण व्यवस्था को बनाने के लिए कई तरह के बदलाव और संसाधनों को बढ़ाने होंगे। व्याख्याताओं को भी इसके अनुसार ढालना होगा।
विद्यार्थी को बड़ा फायदा
हायर एजुकेशन में नवाचार की भरपूर संभावना है। यूजीसी के स्तर पर इस पर काम चल रहा है। विद्यार्थी को इस व्यवस्था से बड़ा फायदा मिलेगा। यह ग्लोबल सिनेरियो है। जो विद्यार्थी दूसरे देशों में पढ़ने जाते है, उन्हें मदद मिलेगी। दुनिया के कई देशों में ऐसी व्यवस्था सालों से चल रही है। हमारे देश में इसे बनाने में समय लगेगा।
– धर्मेश हरवानी, एमजीएसयू विश्वविद्यालय बीकानेर