इस वर्ष पहली बार अंतर्राष्ट्रीय ऊंट उत्सव में घोड़ों की दौड़ भी रोमांचक का विशेष केंद्र रही। रेतीले धोरों में सरपट दौड़ते घोड़ों की दौड़ ने सैलानियों को अपनी ओर खींच लिया। राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केंद्र परिसर में आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान बड़ी संख्या में देसी विदेशी सैलानी पहुंचे। राजस्थानी लोक धुन पर ऊंटों ने ऊंची छलांगे तो कभी नृत्य कर सबका ध्यान अपनी ओर खींचा। परिसर में हर तरफ सजे धजे ऊंट की चमक दमक हर किसी को अपनी और खींच रही थी। यहां पहुंचे लोग ऊंटों की सवारी करने के साथ-साथ सेल्फी लेते भी नजर आए।
संभागीय आयुक्त ने भी किया कार्यक्रम का अवलोकन
संभागीय आयुक्त उर्मिला राजोरिया ने ऊंट उत्सव के दूसरे दिन एनआरसीसी में आयोजित कार्यक्रम का अवलोकन किया। उन्होंने यहां सैलानियों के लिए की गई व्यवस्थाओं की जानकारी ली और विभिन्न अनुसंधान केंद्रो की ओर से लगाए गए स्टॉल्स का भी निरीक्षण किया । श्रीमती राजौरिया ने कहा कि यहां पहुंच रहे सैलानियों को किसी प्रकार की परेशानी ना हो यह सुनिश्चित किया जाए। इस दौरान एन आर सी सी के निदेशक डॉ.आर्तबन्धु साहू , पर्यटन विभाग के उप निदेशक अनिल राठौड़, सहित निदेशक कृष्ण कुमार और जिला पर्यटन अधिकारी पवन शर्मा सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।
यह रहे विजेता
इस दौरान आयोजित साज सज्जा प्रतियोगिता में लक्ष्मण प्रथम स्थान, इमरान दूसरे, रिजवान तीसरे तथा बीएसएफ के चौथे स्थान पर रहा। ऊंट दौड़ प्रतियोगिता में नारायण रामसर प्रथम, इमरान बीकानेर दूसरे तथा साजिद तीसरे स्थान पर रहे। ऊंट नृत्य प्रतियोगिता में अमित कुमार प्रथम, विजेंद्र दूसरे, नंदकुमार तीसरे तथा बजरंग सिंह चौथे स्थान पर रहे। फर कटिंग में रामलाल अक्कासर प्रथम, मेगूमी जापान दूसरे, मोहन सिंह भोलासर तीसरे तथा हरिराम बीकानेर चौथे स्थान पर रहे। राजस्थानी पारंपरिक परिधानों में सजी-धजी जापान की मेगूमी के साथ स्थानीय पर्यटक फोटो खींचते नजर आए। एनआरसीसी की ओर से ऊंट के दूध से बने विभिन्न उत्पादों की प्रदर्शनी और स्टॉल्स भी सैलानियों के आकर्षण का विशेष केंद्र रही। देसी विदेशी पर्यटक ऊंट के दूध से बनी आइसक्रीम, कॉफी का आनंद लेते नजर आए।