निर्देशों में यह भी है कि जिन स्कूलों में स्कूल बसें हों, उनमें प्राथमिक स्वास्थ्य उपचार किट रखे जाएं। क्षमता से अधिक बच्चे न बिठाए जाएं। बसों में पीने के पानी की व्यवस्था हो। पैदल आने वाले विद्यार्थियों को गर्मी में सिर ढक कर आने के लिए भी कहा गया है। बच्चों को डीहाइड्रेशन से बचाने के लिए स्कूलों में शुद्ध और शीतल पेयजल की व्यवस्थाएं करने व विद्यार्थियों को लू से बचने के लिए अधिक पानी पीने के लिए स्कूल स्तर पर सतर्क किया जाएगा।
3 ब्रेक हों पानी पीने के लिए
निर्देशों में कहा गया है कि स्कूलों में वाटर बेल बजाई जाए, जिससे कम से कम 3 छोटे-छोटे ब्रेक (अंतराल) पेयजल और बाथरूम जाने के लिए सुनिश्चित किए जाएं। हर कालांश में शिक्षक बच्चों को अपनी पानी की बोतल से पानी पीने की याद दिलाएं। छुट्टी के बाद बच्चे अपनी पानी की बोतल में पानी भर कर ले जाएं, ऐसा सुनिश्चित किया जाए। बार बार पानी पीने से शौचालयों का उपयोग बढ़ सकता है, इसलिए शौचालयों को साफ, स्वच्छ रखने की व्यवस्था की जाए ।
यूनिफॉर्म में भी दी मिलेगी छूट
निदेशक के निर्देशों में विद्यार्थियों को ढीली और सूती पोशाक या यूनिफॉर्म पहनने की अनुमति दी जा सकती है। जिन स्कूलों में टाई निर्धारित है, उनमें गर्मी को देखते हुए छूट दी जा सकती है। चमड़े के जूतों के स्थान पर कैनवास के जूते पहनने की छूट भी दी जा सकेगी।