रेलवे की टीमों ने कटर से कोच काटकर घायलों को बाहर निकाला। थोड़ी ही देर में लगभग आधा दर्जन एम्बुलेंस पहुंच गई और घायलों को अस्पताल भेज दिया गया। मॉकड्रिल लगभग डेढ़ -दो घण्टे तक चली और इसमें सम्बंधित विभागों का रिस्पॉन्स टाइम जांचा गया।
अपर मण्डल रेल प्रबंधक रुपेश यादव ने बताया कि एक्सीडेंट रिलीफ ट्रेन यानी एआरटी को आधुनिक बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस मॉकड्रिल के दौरान की गई त्रुटियों को सुधारा जाएगा।