फेसबुक पर इस तरह की पोस्ट वेबसाइट प्रसारित करती है जिस पर लिखा होता है कि यदि आप सेना में शामिल होंगे तो आपका आईडी कार्ड कैसा होगा। फिर लिंक पर क्लिक करते ही वेबसाइट के मैन पेज पर पहुंच जाते हैं। जहां पहले फेसबुक लोगइन करने के लिए कहा जाता है। फेसबुक लोगइन होते ही वेबसाइट फेसबुक से नाम और प्रोफाइल फोटो उठाकर आईकार्ड पर दर्ज कर देती है।
क्यूयूआईजैडओएनआईएक्स डॉट कॉम नाम फेसबुक से अटैच वेबसाइट इस तरह के सेना के आईकार्ड तैयार कर आम लोगों को दे रही है। इन आई कार्ड पर अशोक स्तम्भ का चित्र, आर्मी के लोगो भी बेकराउंड में लगे होते हैं। इसका रंगीन प्रिंट निकालने पर आसानी से पहचान में नहीं आता कि यह सेना का कार्ड है या फर्जी।
पत्रिका ने सेना के ऐसे फर्जी आईडी कार्ड के सीमावर्ती इलाके में दुरुपयोग की तरफ ध्यान दिलाने के लिए फेसबुक आईडी पर आई पोस्ट के माध्यम से श्रीगंगानगर और बीकानेर के पत्रिका रिपोर्टर के आईडी कार्ड बनवाए। एक एयरफोर्स का दूसरा थल सेना का। इसी तरह वेबसाइट पर लोगों को आकर्षित करने के लिए सचिन तेंदुलकर का वायुसेना के लेफ्टिनेंट के पद का कार्ड भी प्रदर्शित किया हुआ मिला।
पत्रिका ने इस तरह के फर्जी आईडी कार्ड बनाकर सोशल मीडिया में वायरल होने की जानकारी दी है। इस मामले को सेना के मुख्यालय को फारवर्ड किया गया है। सेना के फर्जी आईडी कार्ड बनाना कानूनन गलत है।
कर्नल मनीष ओझा रक्षा प्रवक्ता राजस्थान।