जारी हुआ था अलर्ट
वर्ष 2022 में नागौर की घटना के बाद प्रदेश की जेलों में दो विरोधी गुट के बदमाशों को एक साथ नहीं रखने का अलर्ट जारी किया हुआ है। साथ ही एक गिरोह के सदस्यों को भी अलग-अलग जेल में रखने के निर्देश हैं। इससे अपराधी संगठित होकर वारदात को अंजाम नहीं दे सकें।दो साल पहले 86 बंदी किए थे इधर-उधर
प्रदेश की जेलों में बंद हजारों बंदियों में से विरोधी गुटों के एक ही जेल में बंद बंदियों को जेल प्रशासन ने सुरक्षा के लिहाज से इधर-उधर किया था। जेल प्रशासन की मानें तो दो साल पहले प्रदेशभर से एक-दूसरे के विरोधी गुटों के 86 बंदियों को दूसरे जिलों में भेजा गया। गैंग सरगनाओं के अलावा उनके गुर्गों को भी एक जेल व एक बैरक में नहीं रखा जा रहा है।यह आंतरिक व्यवस्था
जेल में सुरक्षा के मद्देनजर जो मुख्यालय से निर्देश मिलते हैं, उनकी पालना कराई जाती है। सुरक्षा के लिहाज से आठ बंदियों को दूसरे जेलों में शिफ्ट कराया गया है।सुमन मालीवाल, अधीक्षक बीकानेर केन्द्रीय कारागार