मामला मोलकी के पास ड्रेन में मृतक धर्मराज मेहरा का शव मिलने से शुरू हुआ। मृतक के सिर पर गहरी चोट के निशान थेए जिससे हत्या की आशंका प्रबल हो गई। धर्मराज के परिजनों ने तुरंत पुलिस को सूचित किया और हत्या का आरोप लगाया। मामला संवेदनशील होने के कारण अंता पुलिस ने इसे गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू की।
पुलिस अधीक्षक राजकुमार चौधरी के निर्देशन में डीएसटी टीम और सीसीटीवी फुटेज की मदद ली गई। जांच में पाया गया कि धर्मराज की हत्या उसके ही साढू सत्यनारायण और पत्नी गुड्डी बाई ने मिलकर की थी।
पुलिस के अनुसार गुड्डी बाई और जीजा सत्यनारायण के बीच अवैध संबंध थे। धर्मराज उनके रिश्ते के रास्ते में बाधा बन रहा था। इसे खत्म करने के लिए दोनों ने मिलकर साजिश रची। सत्यनारायण ने धर्मराज को शराब पिलाई और नशे की हालत में उसे सुनसान जगह ले गया। वहां, सिर पर भारी पत्थर से वार करके धर्मराज की हत्या कर दी।
पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और हत्या में प्रयुक्त पत्थर को भी बरामद कर लिया है। सत्यनारायण और गुड्डी बाई ने अपराध कबूल कर लिया है। पुलिस अधीक्षक राजकुमार चौधरी ने बताया कि यह केस चुनौतीपूर्ण था, लेकिन पुलिस टीम की तत्परता और आधुनिक तकनीकों की मदद से इसे हल कर लिया गया।