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बीकानेर

Good News: राजस्थान में शिक्षा विभाग कराएगा सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बीमार बच्चों का इलाज, एप के जरिए होगा स्वास्थ्य सर्वेक्षण

Free Treatment To Sick Children: राजस्थान शिक्षा विभाग प्रदेशभर के सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे विद्यार्थियों का स्वास्थ्य सर्वेक्षण कराएगा। इसके अंतर्गत बीमार बच्चों का विभाग इलाज भी कराएगा।

बीकानेरAug 13, 2024 / 07:33 pm

Suman Saurabh

Education department in Rajasthan will provide treatment to children studying in government schools

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Rajasthan News: बीकानेर। सरकारी स्कूलों में आने वाले विद्यार्थियों को किस प्रकार की बीमारी है और इसका निदान कैसे किया जा सकेगा। अगर कोई बच्चा गंभीर बीमार है तो उसे किस उच्च चिकित्सा संस्थान में भेजा जाएगा। इसके लिए विद्यार्थियों के अभिभावकों को चिंता करने की दरकार नहीं है। अब यह काम शिक्षा विभाग अपने स्तर पर करेगा। इसके लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के साथ समन्वय स्थापित किया जाएगा।
इसे लेकर जयपुर में शिक्षा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के साथ बैठक हुई है। इसमें विद्यार्थियों के स्वास्थ्य परीक्षण को अंतिम रूप दिया गया। गत दिनों शिक्षकों के लिए शाला स्वास्थ्य सर्वेक्षण मोबाईल एप भी लॉन्च किया गया था। बैठक में शिक्षा मंत्री के निर्देश दिए कि राज्य के सभी सरकारी विद्यालयों के बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
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80 लाख बच्चों का होगा स्वास्थ्य सर्वेक्षण

स्वास्थ्य विभाग के एसीएस और शिक्षा विभाग के सचिव के मार्गदर्शन में बच्चों के स्वास्थ्य से संबंधित 70 प्रश्नों की एक सूची तैयार की गई है।

इस आधार पर शिक्षा निदेशालय के समन्वय से शाला स्वास्थ्य परीक्षण मोबाइल एप्लिकेशन विकसित किया गया है। इस एप का उपयोग कर भीलवाड़ा मॉडल के अनुरूप ही सभी सरकारी विद्यालयों के बच्चों का सर्वेक्षण किया जाएगा। इस प्रक्रिया में जो भी बच्चे स्वास्थ्य समस्याओं के साथ चिन्हित होंगे, उन्हें पहले प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में चिकित्सक को दिखाया जाएगा।
यहां पर विद्यार्थी की बीमारी गंभीर होने की स्थिति में जिला चिकित्सा अस्पतालों और उच्च स्तरीय चिकित्सालयों में भेजा जाएगा। इन अस्पतालों में आयुष्मान भारत और स्वास्थ्य एवं शिक्षा विभाग की अन्य योजनाओं के तहत विद्यार्थी का इलाज उपलब्ध कराया जाएगा। 12 से 31 अगस्त तक 80 लाख बच्चों का पेपरलेस स्वास्थ्य परीक्षण अभियान चलाया जाएगा। इसके बाद इससे संबंधित सभी प्रकार के डेटा को स्वास्थ्य विभाग के साथ समन्वय कर अग्रिम कार्रवाई भेजा जाएगा।

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