अनमोल है सास-बहू का रिश्ता अधिवेशन के दौरान मुनि सयक रत्न सागर ने कहा कि गृहस्थ जीवन में सास-बहू का रिश्ता अनमोल रिश्ता है, जो परिवार को साक्षात स्वर्ग बनाता है। ह्दय को कोमल, स्वभाव को शीतल, सहनशीलता, संयम आदि गुणों के साथ मर्यादा मय जीवन जीने ईर्ष्या, राग, द्वेष छोड़ने से सास-बहू के रिश्ते को आनंद और माधुर्यमय बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सुपर सास संवेदनशीलता की संजीवनी, सुधारने वाली, खुशी व प्रसन्नता देने वाली, आत्मीयता का आनंद देने वाली, उदारता का उत्कर्ष भरने वाली, मर्यादा का महात्य सिखाने वाली होनी चाहिए। वहीं सुपर बहू को सहनशील स्वभाव की, संस्कार, विनय, विवेक व विचक्षण युक्त, सदाचार सेवा से ओत प्रोत होना चाहिए। कार्यक्रम में साध्वी प्रभंजनाश्री, सव्रताश्री व चिद्याश्री मौजूद थीं।
अक्षत से प्रक्षाल, लिया आशीर्वाद अधिवेशन के दौरान बहुओं ने अपनी सास के पैर धोकर अक्षत से प्रक्षाल कर उनका आशीर्वाद लिया। प्रवचन पंडाल में इस दौरान बहुओं का अपने सास के प्रति समान और सास का अपनी बहुओं के प्रति प्रेम देखते ही बना। अधिवेशन के दौरान सास और बहुओं ने ‘बेस्ट सास बेस्ट बहू’ के सेल्फी पॉइन्ट पर एक साथ फोटो खिंचवाई तथा सुपर सास-बहू के प्रश्न पत्र भर कर दिया। श्रेष्ठ उत्तर देने वाली सास-बहू को समानित किया जाएगा।