डॉक्टर नहीं बन पाया, प्रदेशाध्यक्ष बन गया
गहलोत ने पचास साल पुरानी बात बताई। कहा, मेडिकल की रात को तीन-तीन बजे तक पढ़ाई की लेकिन डॉक्टर नहीं बन पाया। फिर कोशिश की क्या करें, खाद-बीज की दुकान खोल ली। पूरा सामान बेचकर दुकान बंद कर दी। फिर जयपुर में स्मॉल इंडस्ट्रीज का इंटरव्यू देने गया। जॉब मिला या नहीं पता नहीं चला। उसी दिन एनएसयूआइ के राष्ट्रीय पदाधिकारी मिले और उन्होंने एनएसयूआइ अध्यक्ष के लिए चयन कर दिया। देखिए कहां जोधपुर से जयपुर इंटरव्यू देने गया और एनएसयूआइ अध्यक्ष बन गया।
युवाओं से कहा-निराश न हों
गहलोत ने जॉब फेयर में पहुंचकर रोजगार पाने और देने वालों को बधाई दी। युवाओं से आह्वान किया कि एक फेयर में जॉब नहीं मिला तो निराश नहीं हों, दूसरे…तीसरे…चौथे में मौका मिलेगा। उन्होंने खुद का उदाहरण भी दिया। कहा कि दुकान की, प्राइवेट नौकरी के लिए भटका, जॉब के लिए इंटरव्यू दिए। अंत में राजनीति में सलेक्ट होकर आगे बढ़ा।
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हर जिले में लगेगा जाॅब फेयर
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहला जॉब फेयर जयपुर में लगाया। आइटी जॉब फेयर जोधपुर में और अब तीसरा जॉब फेयर बीकानेर में लगा है। अब सभी 33 जिलों में ऐसे जॉब फेयर लगेंगे। जरूरत पड़ी तो जिलों में दूसरी बार भी जॉब फेयर लगाएंगे। सीएम गहलोत के साथ शिक्षा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला, मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास, अशोक चानणा और गोविन्दराम मेघवाल भी पहुंचे।