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बीकानेर

नहाय खाय के साथ छठ पूजा महापर्व प्रारंभ, खरना आज

छठ पूजा महापर्व मंगलवार से प्रारंभ हुआ। चार दिवसीय पर्व का पहला दिन नहाय खाय के रूप में मनाया गया। छठ व्रती ने पवित्र जल से स्नान कर पूजा-अर्चना की। पर्व के दूसरे दिन खरना होगा। व्रती दिन भर निर्जल रहकर व्रत करेंगे। पर्व के तीसरे दिन 7 नवम्बर को शाम को सरोवर के जल में खड़े होकर डूबते सूर्य को अर्घ्य देकर पूजा-अर्चना की जाएगी। 8 नवम्बर को प्रात: उगते सूर्य को अर्घ्य देकर पूजा-अर्चना होगी व व्रत का पारणा होगा।

बीकानेरNov 05, 2024 / 11:25 pm

Vimal

बीकानेर. भगवान सूर्यदेव की आराधना व छठी मैया के पूजन का महापर्व छठ पूजा मंगलवार से प्रारंभ हुआ। चार दिवसीय पर्व की शुरूआत नहाय खाय के साथ हुई। छठ व्रती ने पवित्र जल में स्नान कर पूजा-अर्चना की। घरों में पारंपरिक रूप से प्रसाद स्वरूप भोजन में लौकी-चावल और चने की दाल को ग्रहण किया। नहाय खाय के दौरान घरों में उल्लास का माहौल रहा। बुधवार को खरना होगा। व्रती सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक बिना जल के व्रत रखकर पूजा-अर्चना करेंगे। सूर्यास्त के बाद विशेष प्रसाद के रूप में चावल, गुड की खीर और रोटी ग्रहण की जाएगी। छठ पूजा महापर्व को लेकर शहर के बाजारों में विशेष रौनक रही। छठ व्रती परिवारों ने पूजन के लिए विभिन्न प्रकार की पारंपरिक सामग्री की खरीदारी की। वहीं नए वस्त्र, विभिन्न प्रकार के सामान इत्यादि की खरीदारी की। बिहार, उत्तर प्रदेश सहित विभिन्न स्थानों के प्रवासी परिवारों में छठ पूजा महापर्व की रौनक बनी हुई है। कई प्रवासी परिवार अपने-अपने प्रदेशों में छठ पूजा पर्व मनाने के लिए भी गए है।
डूबते व उगते सूर्य को देंगे अर्घ्य

छठ पूजा महापर्व के तहत 5 नवम्बर को नहाय खाय, 6 नवम्बर को खरना, 7 नवम्बर को शाम को सरोवर के जल में खड़े होकर डूबते सूर्य को अर्घ्य -पूजन और 8 नवम्बर को उगते सूर्य को अर्घ्य देकर पूजन के साथ व्रत की पूर्णाहुति होगी। सागर क्षेत्र िस्थत देवीकुण्ड सागर तालाब में छठ पूजा महापर्व के तहत सूर्य को अर्घ्य देने व पूजन का कार्यक्रम होगा। बच्चों और युवाओं की ओर से आतिशबाजी की जाएगी। सरस्वती पूजा समिति की ओर से सरोवर के घाट और तालाब परिसर की सफाई की गई है। शहर के विभिन्न क्षेत्रों में निवास कर रहे प्रवासी परिवारों में छठ पूजा महापर्व को लेकर विशेष रौनक बनी हुई है।
श्रद्धा, सामूहिकता और प्रकृति से जुड़ाव का महापर्व

सूर्यदेव की आराधना का महापर्व छठ पूजा आत्मिक शुद्धता और धैर्य का प्रतीक है। छठ पूजा केवल एक पर्व नहीं बल्कि श्रद्धा, सामूहिकता और प्रकृति से जुड़ाव की भावना है। छठ पूजा को सूर्य षष्ठी और डाला छठ के नाम से भी जाना जाता है। इसे विशेष रूप से स्वास्थ्य, सुख-समृद्धि और शांति के लिए मनाया जाता है। छठ व्रती इसे जीवन की बुनियादी आवश्यकताओं के प्रति कृतज्ञता और आत्मा की शुद्धि का पर्व मानते हैं। इस महापर्व में पारंपरिक गीतों की मधुर स्वर लहरिया व श्रद्धाभाव के साथ छठी मैया का पूजन विशेष है।

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