कलक्टर कलाल ने आदेश में कहा कि धातु निर्मित मांझा (चाइनीज मांझा) धारदार होता है। इसके उपयोग से दोपहिया वाहन चालकों और पक्षियों को नुकसान होने की आशंका रहती है। साथ ही विद्युत तारों के संपर्क में आने से विद्युत प्रवाह बाधित होने की घटनाएं भी होती हैं। इसके मद्देनजर धातु निर्मित मांझे के उपयोग और विक्रय को पूर्णतया निषेध कर दिया है। भारतीय दंड संहिता की धारा 144 में प्रदत शक्तियों का उपयोग करते हुए यह आदेश जारी किए हैं। इसकी अवमानना करना भारतीय दंड संहिता की धारा 181 के अंतर्गत दंडनीय अपराध माना जाएगा।
गौरतलब है कि चाइनीज मांझे की चपेट में आने से जहां कई लोग जख्मी हो चुके हैं, वहीं हर साल प्रशासन की तमाम कोशिशों के बावजूद चाइनीज मांझे की बिक्री पर प्रभावी रोक नहीं लग पाती। बाजार में चोरी छिपे चाइनीज मांझा बिकता है। यहां तक की कई गलियों में भी अस्थाई दुकानों के अंदर चाइनीज मांझे की बिक्री होती है। प्रशासन ने इसके अलावा लोगों से भी सावधानी बरतने की अपील की है। उन्होंने पतंगबाजी के दौरान सड़कों पर निकलते समय खासतौर से दोपहिया वाहन सवारों को गले में अंगोछा आदि बांधने की ताकीद की है। साथ ही हेलमेट को जरूरी तौर पर पहनने की सलाह दी है।