इस वजह से करना पड़ा हार का सामना
इस सीट पर सपा की जीत करीबन तय मानी जा रही थी। लेकिन कल चुनाव रिजल्ट में कुछ और ही देखने को मिला। समाजवादी पार्टी की हार की तीन वजहें मानी जा रही हैं। पहला कारण ये रहा कि यहां वोट कम पड़े। मतदान के दिन यहां 40% वोट पड़े थे। दूसरा कारण ये बताया जा रहा है कि इस बार सपा ने नए चेहरे पर दांव खेला था। सपा ने नए चेहरे के साथ प्रयोग किया था, जबकि रालोद ने पुराना और टिकाऊ पत्ता फेंका। गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी ने पूर्व सांसद कादिर राणा की बहू सुंबुल राणा का प्रत्याशी बनाया था, जिनका अपना कोई राजनीतिक करियर नहीं रहा। हालांकि, उनकी गिनती करोड़पतियों में जरूर होती है। वहीं बीजेपी के पास जाना-माना नाम था। बीजेपी का समर्थन भी रालोद उम्मीदवार के लिए मददगार साबित हुआ। योगी की सभा भी रालोद के पक्ष में गई। यहां हुए सिर्फ 40% मतदान
अखिलेश यादव ने मतदान खत्म होने के बाद ही इस तरफ इशारा किया था और कहा था चुनाव ड्यूटी में लगे अधिकारी उनके मतदाताओं को वोट नहीं करने दे रहे थे। इसी वजह से सपा के मतदाता वोट करने ही नहीं निकले और यहां सिर्फ 40 फीसदी मतदान हुआ। इसी वजह से बीजेपी को इस सीट पर जीत मिली, क्योंकि बीजेपी के वोटर वोट डालने आए, लेकिन सपा के मतदाता मतदान केंद्रों से दूर रहे।