इस बार उपचुनाव में सपा से प्रबल दावेदार पूर्व मंत्री मूलचंद चौहान के बेटे अमित चौहान है। वहीं बीजेपी इस सीट पर मृतक विधायक लोकेंद्र चौहान की पत्नी अवनि सिंह को टिकट दे सकती है। जो कि सहानोभूति के नाम पर मतदाता को रिझाने की कोशिश करेंगी। साथ ही इस सीट की जिम्मेदारी को लेकर और जाटों और दलित मतदाताओं को रिझाने के लिये पंचायत राज्य मंत्री भूपेंद्र चौधरी अभी हाल फिलाल में क्षेत्र की दलित बस्ती में रात में भोजन कर एक रात रुके भी थे।
गौर करें तो बसपा उपचुनाव में गठबंधन नहीं करती, लेकिन गोरखपुर और फूलपुर सीट पर जैसे बसपा ने सपा का सपोर्ट किया था। वैसे ही इस उपचुनाव में भी बसपा सपा का सपोर्ट करेगी। साथ ही सपा इस सीट पर हिन्दू प्रत्याशी उतरती है तो इस सीट पर बीजेपी के प्रत्यशी को हार का सामना करना पड़ सकता है। उधर, कांग्रेस और आरएलडी के प्रत्याशी के टिकट की भी अभी तक कोई घोषणा पार्टी से नहीं हुई है। घोषणा के बाद ये दोनों पार्टी इस सीट पर किसे टिकट देकर मैदान में उतारती है उससे भी चुनाव समीकरण बदल सकते हैं।
देखें वीडियो : अब इस वजह से बढ़ सकत हैं पीएम मोदी व सीएम योगी मुश्किलें उल्लेखनीय है कि 21 फरवरी को लखनऊ जा रहे बीजेपी विधायक लोकेंद्र चौहान की सड़क हादसे में मौत के बाद ये सीट खाली हो गई थी। इस सीट पर 6 माह के अंदर ही उपचुनाव होना था। जिसके बाद गुरुवार को चुनाव आयोग ने इस सीट पर होने वाले चुनाव को लेकर घोषणा कर दी। 3 से 10 मई तक इस सीट पर प्रत्याशी नॉमिनेशन करा सकेंगे। 11 मई को नामांकन पत्रों की जांच होगी। 14 मई को नाम वापसी और 28 मई को मतदान और 31 मई को मतगणना होनी है।