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गांव से परिवारों ने कर लिया पलायन
थाना कोतवाली देहात के गांव गराबपुर धर्म स्थल पर लाउड स्पीकर लगाने के विवाद ने इतना तूल पकड़ लिया की मजबूरन तीन परिवार के लोगों ने गांव से पलायन कर लिया। एक परिवार ने तो पंजाब की तरफ रुख कर लिया है। जबकि दो परिवार जंगल में तम्बू लगाकर रहने पर मजबूर है ।ग्रामीण प्रीतम सिंह के मुताबिक मस्जिद में चार साल से लाउडस्पीकर लगा हुआ। जबकि धर्म स्थल पर पांच साल से लाउडस्पीकर लगा होने के बावजूद प्रशासन ने एक पक्षीय कार्रवार्इ करते हुए धर्म स्थल से जान बूझकर लाउडस्पीकर उतार लिया। जिसकी वजह से हम लोग मज़बूरी में पलायन कर जंगल में रहने को मजबूर हैं। जब तक सुनवाई नहीं होती दोनों परिवार ऐसे ही चिलचिलाती धूप में जंगल में ही रहने की बात बया कर रहे हैं ।हालांकि प्रीतम ने हलके के दरोगा पर भी धर्म स्थल पर जूतों से चढ़ने का भी आरोप लगाया ।
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कुछ ही दिन के लिए लगाया जाता है लाउडस्पीकर
वहीं एसपी बिजनौर ने इस मामले में कहा कि धर्म स्थल पर साल में एक बार मेला लगता है। इसके लिए प्रशासन से अनुमति के बाद यहां पर तीन से चार दिनों के लिए लाउडस्पीकर लगाने की अनुमति दी जाती है। इस साल भी लगाये गये थे। इसके बाद इन्हें सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन अनुसार उतार लिया गया। लेकिन दो तीन दिन पहले बिना किसी अनुमति के धर्म स्थल पर लाउडस्पीकर को टांग दिया गया। अनुमति न होने की वजह से इन्हें हटवा दिया गया है।
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चुनाव पर पड़ सकता है पलायन का असर
उत्तरप्रदेश के पश्चिम जिलों में स्थित बिजनौर में एक धर्मिक स्थल से लाउडस्पीकर हटने को लेकर गांव वालों ने पलायन कर लिया। इसका असर हाल ही होने वाले कैराना लोकसभा आैर नूरपुर विधानसभा उपचुनाव पर पड़ सकता है। गांव के तीन परिवारों ने पुलिस आैर प्रशासन द्घारा लाउडस्पीकर उतारने के विरोध में यह कदम उठाया है। वहीं गांव वाले अपने पक्के मकान छोड़कर जंगल में तंबू लगाकर रह रहे है।