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पत्रिका असर: जाकिर नाईक की विवादित किताब पढ़ाए जाने के मामले में स्कूल प्रबंधक को नोटिस जारी

बिजनौर बीएसए के निर्देश पर शनिवार को किरतपुर एबीएसए शिव कुमार अपनी टीम के साथ स्कूल में जांच करने गए थे।

बिजनोरFeb 05, 2018 / 07:45 pm

Rahul Chauhan

Zakir Naik
बिजनौर। देश से फरार इस्लामिक धर्म गुरु जाकिर नाईक की किताब को एक स्कूल में पढ़ाये जाने का मामला फिर से गरमा गया है। जनपद बिजनौर के किरतपुर क्षेत्र के हरचनपुर ढाकी गांव में इस्लामिक विजन स्कूल में बच्चों को विवादित मुस्लिम धर्म गुरू जाकिर नाईक की किताब इल्म उन नफ़े को स्कूल में पढ़ाये जाने का मामला कुछ दिनों पहले बिजनौर शिक्षा विभाग के अधिकारियों के सामने आया था। इस मामले को लेकर पता चला था कि इस स्कूल के क्लास फर्स्ट और सेकंड के बच्चों को ये किताब पढ़ाई जा रही है।
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इस किताब में जाकिर नाईक को विवादित न कहकर नायक के रूप में बताया जा रहा है। रविवार को पत्रिका डॉट कॉम पर छपी खबर के बाद सोमवार को स्कूल प्रबंधक के खिलाफ बीएसए द्वारा नोटिस जारी किया गया है, जिसका सात दिन में जवाब देना है। बिजनौर बीएसए के निर्देश पर शनिवार को किरतपुर एबीएसए शिव कुमार अपनी टीम के साथ स्कूल में जांच करने गए थे। उधर इस जांच को लेकर शिव कुमार ने मामले की जांच बिजनौर बीएसए को सौंप दी थी। बीएसए महेश चंद्र ने बताया कि इस जांच में स्कूल के बच्चों की जब किताब चेक की गई तो उनमें कुछ भी सामने निकलकर नहीं आया, लेकिन स्कूल के क्लास में लगे टाइम टेबल में ये किताब इल्म उन नाफ़े क्लास सेकंड के छात्रों को नवें पीरियड में पढ़ाये जाने के लिये अंकित थी।
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इस विवादित किताब को लेकर स्कूल संचालक इरशाद ने बताया कि इस किताब को काफी पहले स्कूल में पढ़ाया गया था, लेकिन जाकिर का इस किताब को लेकर जब विवादित मामला सामने आया तो हमने इसको काफी पहले बंद कर दिया था। इस मामले को लेकर बीएसए विभाग की जांच टीम आई थी, चेकिंग करके गई है। उनको किताब पढ़ाने को लेकर स्कूल में कोई भी सबूत नहीं मिला। साथ ही किताब में पहले जाकिर नाईक का बस फ़ोटो ही लगा था और कुछ नहीं था।
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बहरहाल इस मामले में बिजनौर बीएसए महेश चंद्र ने बताया कि मामले को लेकर एक समाचार पत्र सहित अन्य जगह भी खबर प्रकाशित की गई, जिसमें एक स्कूल में जाकिर नायक की विवादित किताब को पढ़ाये जाने का मामला सामने आया। इसको लेकर मेरे द्वारा एबीएसए शिव कुमार सहित 2 सदस्ययी जांच टीम को इस्लामिक विजन स्कूल में भेजा गया। फिर जांच कर स्कूल प्रबंधक से जवाब तलब किया गया है। उधर जांच रिपोर्ट में बच्चों के पास तो कोई किताब नहीं मिली। दरअसल स्कूल के टाइम टेबल में सेकंड क्लास के बच्चों को नाइन्थ पीरियड में ये किताब पढ़ाये जाने का मामला शनिवार को प्रकाश में आया था।
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मामले में स्कूल संचालक ने बताया कि अलीगढ़ में हुए इस किताब के विवाद के बाद हमारे स्कूल में इस किताब को नहीं पढ़ाया गया है। इस मामले को लेकर हमने स्कूल प्रबंधन को सोमवार को नोटिस जारी किया है। 7 दिन के अंदर स्कूल प्रबंधन को नोटिस का जवाब देना है। नोटिस का जवाब आने के बाद उसके आधार पर स्कूल के खिलाफ अगर कोई कार्रवाई बनती है तो विभाग द्वारा की जाएगी।

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