आपको बता दें कि संसदीय दल के नवनियुक्त नेता और नगीना सुरक्षित सीट से सांसद गिरीश चंद्र इससे पहले वर्ष 2007-12 में विधायक भी रह चुके हैं। उन्हें मायावती के भरोसेमंद नेताओं में गिना जाता है। गिरीश चंद मुरादाबाद, बरेली, सहारनपुर और मेरठ मंडल में संगठन की विभिन्न जिम्मेदारी भी संभाल चुके हैं।
काबिलेगौर ये है कि गिरीश चन्द्र इससे पहले वर्ष 2014 में लोकसभा का चुनाव हार गए थे। इसके बाद भी बसपा ने उन पर दोबारा भरोसा जताया और 2019 में एक बार फिर से नगीना सुरक्षित सीट से उन्हें प्रत्याशी बनाया। इस बार वे भाजपा के डॉ. यशवंत सिंह को 1.67 लाख वोटों से हराकर विजयी रहे। इससे पहले यहां से मायावती के चुनाव लड़ने की भी चर्चा थी। लेकिन, बसपा सुप्रीमो मायावती ने ऐन वक्त पर गिरीश चन्द्र को उम्मीदवार घोषित कर सबको चौंका दिया था।
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लोकसभा में उपनेता बने श्याम सिंह यादव सेवानिवृत्त पीसीएस अधिकारी और उत्तर प्रदेश रायफल एसोसिएशन के चेयरमैन भी हैं। वहीं, मुख्य सचेतक बनाए गए कुंवर दानिश अली के दादा कुंवर महमूद अली वर्ष 1962 में विधायक और वर्ष 1977 में हापुड़ लोकसभा सीट से सांसद रह चुके हैं।