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बसपा उम्मीदवारों ने छोड़ी छाप लोकसभा चुनाव 2019 में जहां उत्तर प्रदेश में भाजपा ने बंपर जीत हासिल की, वहीं वेस्ट यूपी की कई सीटों पर बसपा उम्मीदवारों ने जीत हासिल कर अपनी छाप छोड़ी है। इनमें से एक नगीना से नवनिर्वाचित सांसद गिरीश चंद्र भी हैं। उन्होंने अपना राजनीतिक सफर बसपा से ही शुरू किया था। उसके बाद से वह पार्टी के साथ जुड़े हुए हैं।
मुरादाबाद में है पुश्तैनी मकान 55 साल के सांसद गिरीश चंद्र का पुश्तैनी मकान मुरादाबाद में है। उनके पिता का नाम मान सिंह है। 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान आयोग को दिए शपथ पत्र के अनुसार, उनकी कुल संपत्ति करीब 2 करोड़ 86 लाख रुपये है। जबकि उन पर 90 लाख रुपये की देनदारी है। उन्होंने 12वीं पास करने के बाद 1989-90 में मुरादाबाद के हरिशचंद्र कॉलेज से बीए सेकंड ईयर किया था। उन्होंने 1991 में बसपा के साथ अपना राजनीतिक सफर शुरू किया था। पार्टी के हर सुख-दुख में वह साथ में खड़े रहे हैं।
ये जिम्मेदारियां निभा चुके हैं गिरीश चंद्र 1991 में वह सहकारी समिति के निदेशक बने थे। इसके बाद 1994 में गिरीश चंद्र ने गन्ना समिति के सभापति की जिम्मेदारी संभाली। 1995 में उन्होंने मुरादाबाद वार्ड-4 से पार्षद का चुनाव लड़ा। उसमें उन्होंने जीत हासिल की थी। फिर बसपा ने उन्हें वर्ष 2000 में मुरादाबाद के जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी। वह 2006 तक इस पद पर रहे। 2007 के विधानसभा चुनाव में उन्हें बसपा के टिकट पर चंदौसी से लड़ने का मौका मिला। इसमें उन्होंने समाजवादी पार्टी (सपा) के सतीश को पराजित किया था। 2012 के विधानसभा चुनाव में भी बसपा ने उन्हें चंदौसी से टिकट दिया, लेकिन इस बार वह सपा की लक्ष्मी गौतम से हार गए थे।
2014 का लोकसभा चुनाव फिर 2014 के लोकसभा चुनाव में गिरीश चंद्र ने नगीना से बसपा के टिकट पर किस्मत आजमाई। इसमें भाजपा के उम्मीदवार डॉ. यशवंत सिंह ने 3 लाख 67 हजार 825 वोट की बदौलत जीत हासिल की थी। इसमें सपा प्रत्याशी यशवीर सिंह दूसरे और गिरीश चंद्र तीसरे नंबर पर रहे थे। पिछले लोकसभा चुनाव में गिरीश चंद्र को 2 लाख 45 हजार 685 वोट मिले थे।
2019 के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी को हराया 2019 के लोकसभा चुनाव में गिरीश चंद्र एक बार फिर नगीना से चुनाव मैदान में उतरे। इस चुनाव में वह गठबंधन (बसपा, रालोद और सपा) के उम्मीदवार बने। इस बार उन्होंने भाजपा उम्मीदवार यशवंत सिंह को हराकर जीत हासिल की। उन्हें इस चुनाव में 568378 वोट मिले जबकि यशवंत सिंह को 401546 वोट ही मिल सके। गिरीश चंद्र ने 1.67 लाख वोटों से यशवंत सिंह को शिकस्त दी।
पत्नी भी लड़ चुकी हैं चुनाव गिरीश चंद्र की पत्नी का नाम विरमावती है। वह मोहल्ला कुशालपुर, पोस्ट मझौला, जिला मुरादाबाद के रहने वाले हैं। उनके एक बेटा है, जिसका नाम सार्थक चंद है। गिरीश चंद्र की पत्नी विरमावती 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में चंदौसी से चुनाव लड़ चुकी हैं। उन्हें बसपा ने टिकट दिया था। उस चुनाव में वह 51049 वोटों के साथ तीसरे नंबर पर रही थीं।
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