गांव पहुंचे पुलिस क्षेत्राधिकारी ने बताया कि गांव के ही एक किसान बचन सिंह ने गन्ने के खेत में गुलदार के बच्चे को घायल हालत में देखा था। उसने इसकी सूचना ग्रामीणों को दी और मौके पर काफी ग्रामीण पहुंच गए। इसके बाद पुलिस को सूचना मिली तो पुलिस भी मौके पर आ गई लेकिन किसी की भी हिम्मत घायल गुलदार को छूने की नहीं हो रही थी। इसलिए ग्रामीणों ने वन विभाग की टीम को सूचना कर दी। इससे पहले कि वन विभाग की टीम मौके पर पहुंचती मादा गुलदार मौके पर आई और ग्रामीणों व पुलिस के सामने ही अपने घायल बच्चे को उठाकर ले गई।
मादा गुलदार का यह साहस देखकर ग्रामीण भी हैरान रह गए। इसके बाद वन विभाग की टीम भी मौके पर पहुंची। वन दरोगा सुनील राजौरा ने ग्रामीणों और पुलिस के साथ मिलकर आसपास के क्षेत्रों में काफी दूर तक गुलदार के घायल बच्चे की तलाश की लेकिन उसका कोई पता नहीं चल सका। ये घटना क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है। गन्ने के खेत में पड़ा हुआ गुलदार का बच्चा कैसे घायल हुआ था इसका भी पता नहीं चल सका है। फिलहाल वन विभाग की टीम इस पूरे घटनाक्रम की जांच कर रही है।