पार्टी ने किया था निष्कासित मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बसपा नेता गौहर इकबाल ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि, उनको पार्टी ने पहले भाजपा विधायक लोकेश चौहान की अंतिम यात्रा में शामिल होने पर निष्कासित कर दिया था। गौहर इकबाल बसपा सुप्रीमाे मायावती को एक पत्र भी भेजा है। इसमें उन्होंने कहा है कि आज संकट के इस दौर में मुस्लिम व दलित समाज खुद को अकेला और ठगा महसूस कर रहा है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि ऐसे समय में मायावती टिकट के नाम पर पैसे की उगाही में लगी हुई हैं। जब-जब मुस्लिमों पर संकट आया है, उन्होंने मुस्लिमों को खुद से दूर कर लिया। उन्होंने 2017 में बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था। हारने के फौरन बाद उन्होंने मायावती से 12 लाख रुपये की मांग की थी। ऐसा न करने पर उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया। उनका कहना है कि कुछ समय बाद चंदा लेकर उनकी फिर से पार्टी में एंट्री कराई गई।
इस वजह से किया था निष्कासित इसके बाद भाजपा विधायक लोकेंद्र चौहान की अंतिम यात्रा में शामिल होने पर उनको फिर से निष्कासित कर दिया गया। अब मायावती पूर्व केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज की अंतिम यात्रा में शामिल हुईं तो उन्हें खुद की सजा याद आ गई। गौहर इकबाल ने कहा कि देश की अच्छी नेता सुषमा स्वराज की अंतिम यात्रा में जाना भी चाहिए था, लेकिन उन्होंने लोकेंद्र चौहान की अंतिम यात्रा में शामिल होकर क्या गुनाह किया था। गौहर इकबाल ने कहा कि वह भाजपा का डर दिखाकर मुस्लिमों का वोट लेती हैं। जबकि आज खुद भाजपा के साथ खड़ी हैं। उन्होंने मुस्लिमों व दलित समाज के लोगों पर मायावती को भविष्य में अपना वोट न देने की उम्मीद जताई है। फिलहाल गौहर इकबाल बसपा से इस्तीफा देकर किसी राजनीतिक पार्टी में नहीं जाएंगे।
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