कुट्टू का आटा बना बीमारी की वजह
चांदपुर कस्बे के कई परिवारों ने उपवास के दौरान कुट्टू का आटा खाया था, जिसके बाद उन्हें अचानक से पेट दर्द और उल्टी की समस्या शुरू हो गई। देखते ही देखते कई लोग बीमार पड़ गए और अस्पतालों में भर्ती होने की स्थिति आ गई। स्थानीय अस्पतालों में मरीजों की भारी भीड़ लग गई, जिसके बाद प्रशासन ने आसपास के अस्पतालों से अतिरिक्त डॉक्टरों को बुलवाया। अब तक 50 से अधिक लोगों का इलाज किया जा चुका है, जिनमें से 12 की हालत गंभीर बनी हुई है।
प्रशासन की त्वरित कार्रवाई
घटना की जानकारी मिलते ही जिला अधिकारी (डीएम) और पुलिस अधीक्षक (एसपी) मौके पर पहुंचे। उन्होंने तुरंत स्थिति का जायजा लिया और बीमार लोगों को जल्द से जल्द इलाज उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। प्रशासन ने आसपास के अस्पतालों से डॉक्टरों की टीमों को बुलाकर इलाज शुरू कराया। गंभीर रूप से बीमार लोगों को हायर सेंटर रेफर किया गया है ताकि उनकी जान बचाई जा सके। जांच के आदेश, कुट्टू के आटे के नमूने लिए गए
इस घटना के बाद प्रशासन ने कुट्टू के आटे के सैंपल को जांच के लिए भेजा है ताकि पता लगाया जा सके कि आखिर आटे में ऐसा क्या था, जिसकी वजह से इतनी बड़ी संख्या में लोग बीमार हो गए। अभी तक की जानकारी के अनुसार, आटे की गुणवत्ता में खराबी होने की संभावना जताई जा रही है। प्रशासन ने इलाके में कुट्टू के आटे की बिक्री पर अस्थायी रोक लगा दी है और सभी दुकानदारों को निर्देश दिया गया है कि वे अनजाने स्रोत से मिले आटे को न बेचें।
बीमार लोगों की स्थिति
बीमार लोगों में से कई की हालत अभी भी नाजुक है। डॉक्टर लगातार उनके स्वास्थ्य की निगरानी कर रहे हैं। कुछ लोगों को गंभीर हालत में हायर सेंटर रेफर कर दिया गया है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे बिना जांचे-परखे खाद्य सामग्री का सेवन न करें और खासतौर पर उपवास के दौरान उपयोग होने वाले कुट्टू के आटे की गुणवत्ता पर ध्यान दें।
स्थानीय लोगों में फैली दहशत
इस घटना के बाद चांदपुर और आसपास के इलाकों में दहशत का माहौल है। लोग अब कुट्टू का आटा खाने से डरने लगे हैं और अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। प्रशासन ने लोगों को आश्वासन दिया है कि इस मामले में पूरी जांच की जाएगी और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। बिजनौर जिले के चांदपुर कस्बे में हुई इस घटना ने खाद्य सुरक्षा के महत्व को उजागर किया है। प्रशासन द्वारा कुट्टू के आटे की बिक्री पर रोक लगाने और जांच शुरू करने से उम्मीद है कि दोषियों को जल्द ही सजा मिलेगी। फिलहाल, बीमार लोगों का इलाज जारी है और उनकी स्थिति पर प्रशासन की कड़ी नजर बनी हुई है।