पहले जहां वे आगे बढ़कर हमला करते थे। बीते कुछ दिनों से इन्होंने हमला करने की तकनीक बदल दी है। इसके साथ ही बचने के लिए नए रास्ते तलाशना शुरु कर दिया है। (chhattisgarh naxal’s) खुद को जिंदा रखने के लिए नक्सली नई तकनीक के सहारे हमला व बचाव में जुटे हैँं। इसमें पहली है कि नक्सली अब कैंप के आसपास अपना मूवमेंट चलाने के लिए घास- फूस को शरीर पर लपेट कर आगे बढ़ते हैं। (chhattisgarh naxal’s terror) जिस से वे आसानी से नजर नहीं आते।
नक्सलियों के आधार वाले इलाके में फोर्स आगे बढ़ रही है। जवान जैसे जैसे आगे बढ़ रहे हैं वैसे वैसे नक्सली जवानों को गुमराह करने नई चाल चल रहे हैं। (bijapur naxal’s terror) इसमें सुरंग तैयार करना, घास की पोशाक पहनना, कमांड आईईडी के बाद एंटी हैंडलिंग मैकेनिज्म का इस्तेमाल करना शामिल है। पुलिस भी अपनी स्ट्रेटेजी तैयार कर रही है। (naxal’s terror) बदली तकनीक से ऑपरेशन आसान और केजुअल्टी कम हो रही है। मुठभेड़ में जवानों को सफलता भी ज्यादा मिल रही है.
– जितेंद्र सिंह, एसपी, बीजापुर
बचाव के लिए सुरंग में दुबक जा रहे फोर्स के हमलावर होते ही नक्सली अब दबाव में आकर उनसे बचने के लिए जुगत लगा रहे हैं। इसके लिए वे एंबुंश लगाने वाली जगह के आसपास सुरंग खोद रहे हैं। (cg naxal’s terror) इन सुरंगों का इस्तेमाल हमला कर छिपने के लिए कर रहे हैं। हाल ही में फोर्स केा कुछ ऐसी सुरंगें मिली जिसमें दर्जनों नक्सली छिप सकते हैं।