सूत्रों के मुताबिक कुछ जवानों के मिसिंग होने की भी खबर आ रही है जो कि देर शाम तक अपने कैम्पों में नहीं पहुंचे थे। बीजापुर के एसपी कमलोचन कश्यप ने बताया कि इलाके में नक्सलियों की मौजूदगी की जानकारी मिलने के बाद डीआरजी, कोबरा, सीएएफ, डीएफ की संयुक्त टीमें तर्रेम के लिए रवाना की गई थीं। उन्होंने मुठभेड़ की पुष्टि करते हुए कहा कि इलाके में फोर्स द्वारा बड़ा ऑपरेशन लांच किया गया था। एसपी ने मुठभेड़ की तो पुष्टि की है, पर नुकसान के बारे में पूरी जानकारी न होने की बात कही है।
उन्होंने बताया कि धुर नक्सल प्रभावित होने के कारण इलाके में नेटवर्क की समस्या है, इससे अभी पूरी जानकारी मिलने का इंतजार करना होगा। बता दें कि तर्रेम वह इलाका है जहां नक्सलियों ने 90 के दशक में आईईडी विस्फोट कर पहली बार पुलिस वाहन को उड़ा दिया था। इस घटना में दो दर्जन से अधिक जवान शहीद हुए थे। बीते माह 23 मार्च को नारायणपुर में नक्सलियोंं ने आईईडी ब्लास्ट से सुरक्षाबलों की बस को उड़ा दिया था जिसमें 5 जवान शहीद हो गए थे।
पांच दिशाओं से निकली थीं पुलिस जवानों की पार्टी
सूत्रों के मुताबिक यह मुठभेड़ तर्रेम से 10 किमी आगे जोनागुड़ा इलाके में हुई है। इसके लिए पांच थाना क्षेत्र से पुलिस टीमें अलग-अलग दिशाओं से रवाना की गई थीं जिसमें पामेड़ से 195 जवान,मीनपा से 483, नरसापुर से 420,तर्रेम से 702 तथा उसूर से 200 जवान सहित लगभग 2000 हजार से अधिक जवान रवाना किये गए थे। तर्रेम की टीम नक्सलियों के एम्बुश में फंस गई थी। इसी टीम के साथ सबसे पहले नक्सलियों की मुठभेड़ हुई है। पांच जवानों की शहादत इसी टीम के साथ हुई बताई जाती है।