scriptऑनलाइन नहीं, राजनीतिक दलों को CASH चंदा है पसंद, BJP सबसे आगे | political parties interested to accept party fund in cash | Patrika News
भोपाल

ऑनलाइन नहीं, राजनीतिक दलों को CASH चंदा है पसंद, BJP सबसे आगे

साल 2004 से 2015 के बीच हुए विधानसभा चुनावों में विभिन्न राजनीतिक पार्टियों को 2,100 करोड़ रुपए चंदा मिला, जिसका 63 फीसदी हिस्सा नकद के रूप में लिया गया था।

भोपालDec 19, 2016 / 02:26 pm

rishi upadhyay

new note

new note


भोपाल। नोटबंदी के बाद केन्द्र सरकार जहां ऑनलाइन भुगतान पर जोर दे रही है, वहीं उसे चलाने वाले राजनीतिक दल ऑनलाइन चंदा लेने से कतरा रहे हैं। साल 2004 से 2015 के बीच हुए विधानसभा चुनावों में विभिन्न राजनीतिक पार्टियों को 2,100 करोड़ रुपए चंदा मिला, जिसका 63 फीसदी हिस्सा नकद के रूप में लिया गया था। 


इसके अलावा पिछले तीन लोकसभा चुनावों में मिले चंदे में भी 44 फीसदी हिस्सा नकद प्राप्त किया गया था। राजनीतिक दल उस 75 फीसदी चंदे का हिसाब देने को भी तैयार नहीं है, जिसे वे अपने दस्तावेजों में अज्ञात स्रोतों से दिखाते हैं। राजनीतिक दलों की आयकर विवरणियों में अज्ञात स्रोत से प्राप्त चंदे को देने वालों के नाम उजागर नहीं किए जाते। 




एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉम्र्स की मई 2016 की रिपोर्ट के अनुसार 2004 के लोकसभा चुनाव में 38 राजनीतिक दलों ने 253.46 करोड़ रुपए चंदा एकत्र किया जबकि 2014 के लोकसभा चुनाव में राजनीतिक दलों की कुल आय 1463.6 3 करोड़ रुपए रही। 2004 के लोकसभा चुनाव में 42 दलों ने हिस्सा लिया था जो 2014 में बढ़कर 45 हो गया। 2009 के लोकसभा चुनाव में 41 राजनीतिक दलों ने चंदे के रूप में 6 38 .26 करोड़ रुपए एकत्र किए।


20 हजार रुपये तक के चंदे का कोई हिसाब नहीं
भारत में पंजीकृत 1,900 से ज्यादा राजनीतिक दलों में से 400 ने कभी कोई चुनाव ही नहीं लड़ा है। राजनीतिक दलों को चुनाव के दौरान 20 हजार रुपये तक के चंदे का हिसाब नहीं देना होता है।


भाजपा को मिला सबसे ज्यादा चंदा
एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार साल 2014-15 में चुनावी ट्रस्टों से राजनीतिक दलों को 177.40 करोड़ चंदे के रूप में मिला। इनमें सबसे ज्यादा चंदा 111.35 करोड़ भाजपा को मिला, कांग्रेस को 31.6 5 करोड़, नसीपी को 6 .78 करोड़ए बीजू जनता दल को 5.25 करोड़, आम आप को 3 करोड़, आईएनएलडी को 5 करोड़ और अन्य दलों को कुल मिलाकर 14.34 करोड़ मिले।


राजनीतिक दलों और कंपनी के बीच चंदे के लेन-देन में पारदर्शिता के लिए 2013 में सरकार ने कंपनियों को चुनावी ट्रस्ट बनाने की अनुमति दे दी थी। इस नियम के अनुसार इन ट्रस्टों को जितना भी चंदा मिलेगा, वह उसका 95 प्रतिशत राजनीतिक दलों को देंगे।

new note

क्षेत्रीय दलों को भी भरपूर मिला चंदा
2004 से 2015 के बीच हुए 71 विधानसभा चुनावों के दौरान राजनीतिक दलों ने कुल 336 8 .06 करोड़ रुपए जमा किया था। इनमें 63 फीसदी हिस्सा नकद से आया। वहीं, 2004, 2009 और 2014 में हुए लोकसभा चुनावों में चेक के जरिए सबसे ज्यादा चंदा (1,300 करोड़ यानी 55 प्रतिशत) इकट्ठा किया गया।

MUST READ: विदेश से खरीदा धागा-कागज, मेड इन इंडिया नहीं हैं 500-2000 के नए नोट

जबकि, 44 फीसदी राशि 1,039 करोड़ रुपए नकद में मिले। 2004 और 2015 के विधानसभा चुनाव के दौरान चुनाव आयोग को जमा किए गए चुनावी खर्च विवरण में बताया कि समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी, शिरोमणि अकाली दल, शिवसेना और तृणमूल कांग्रेस को सबसे ज्यादा चंदा मिला है।

Hindi News / Bhopal / ऑनलाइन नहीं, राजनीतिक दलों को CASH चंदा है पसंद, BJP सबसे आगे

ट्रेंडिंग वीडियो