वहीं मध्य प्रदेश में ये आंकड़ा 32, 947 के आसपास रहता है। वहीं, बात करें देश के सभी राज्यों की तो इनमें बीड़ी पीने से सबसे अधिक मौतें उत्तर प्रदेश में हो रही हैं। यहां सालाना औसतन 1,03,529 हो रहीं हैं। देश के 10 राज्यों में मध्य प्रदेश का इसमें 8वां स्थान पर है। मरने वाले मुंह के कैंसर, फेफड़ों के कैंसर, दिल की बीमारी, टीबी, अस्थमा से ग्रसित रहते हैं। ए्स जोधपुर की यह रिपोर्ट देश के 28 प्रदेशों में हुई मौत के आंकड़े, ग्लोबल हेल्थ टोबेको सर्वे की रिपोर्ट और अन्य रिपोर्ट का मेटा एनालिसिस है। ये रिपोर्ट, तमाम सुझावों के साथ राज्य सरकारों को सौंपी जा चुकी है।
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-बीड़ी उत्पादन, वितरण और बिक्री के सख्त नियम नियम हों, ताकि मांग-आपूर्ति कम हो।
-टैक्स बढ़ाया जाए, तंबाकू समाह्रिश्वत पर जोर दिया जाए। बीड़ी पैकेट पर सख्त चेतावनी लिखी हो। राष्ट्रीय कार्यक्रमों के जरिए जनजा गरूकता लाई जाए। इस उद्योग में कार्यरत श्रमिकों को व्यवसाय के विकल्प मिलें, व्यवसायिक पुनर्वास हो।
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1- उत्तरप्रदेश 1,03,529
2- महाराष्ट्र 53,085
3- तमिलनाडु 40,718
4- राजस्थान 35,448
5- कर्नाटक 34,662
6- गुजरात 34,455
7- बिहार 33,867
8- मध्य प्रदेश 32,9479- पश्चिम बंगाल 32,833
10- आंध्रप्रदेश 24,041
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स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ, ए्स जोधपुर के प्रोजेक्ट मैनेजर और रिसर्चर डॉ.योगेश कुमार जैन ने बताया कि, बीड़ी पर 28 प्रदेशों के डेटा का 6 महीने तक मेटा एनालिसिस किया गया है। इसके बाद चौंकाने वाले नतीजे सामने आए हैं। ऐसा लगता है कि बीड़ी कम नुकसान करती है, लेकिन आंकड़ों के हिसाब से देशभर में सालाना इससे 5.55 लाख लोगों की मौत हो रही है।