1 हजार 900 महिलाएं शामिल
मप्र की तमाम जेलों की क्षमता 36 हजार कैदियों की है, लेकिन इन जेलों में वर्तमान 43 हजार कैदी बंद हैं जिनमें से लगभग 1 हजार 900 महिलाएं शामिल हैं। जिसके चलते जेलों की क्षमता को भी बढ़ाने पर कार्य किए जाने की योजना बनाई जा रही है। इसके साथ ही जेल कर्मचारियों को कैदियों के मनोविज्ञान और व्यवहार को समझने की भी ट्रेनिंग दी जाएगी। मध्यप्रदेश की जेलों मेम ये सुधार करेक्शन सर्विसेज एंड प्रिजन्स एक्ट 2024 के तहत किया जा रहा है। ये भी पढ़ें: खुशखबरी- 6 दिन बंद रहेंगे स्कूल, बच्चों-टीचर्स दोनों की रहेगी छुट्टी दी जाएगी ट्रेनिंग
नए साल में कई बड़े बदलाव भी होंगे। ‘अपराधी के मन को समझना और बदलना’ पर भी जोर दिया जाएगा। जेल कर्मचारियों को अपराधी को बेहतर तरीके से समझने और उनके साथ व्यवहार करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। नए राज्य जेल कानूनों के लिए केंद्र सरकार के मॉडल प्रिज़न्स एक्ट 2023 को आधार बनाया गया है। इतना ही नहीं ‘सेंट्रल प्रिज़न’ या ‘डिस्ट्रिक्ट प्रिज़न’ के साथ ‘करेक्शनल इंस्टीट्यूशन’ शब्द भी जोड़ा जाएगा।