नकल रोकने के लिए परीक्षा केंद्रों पर इस बार काफी सख्ती बरती जा रही है। उड़नदस्तों की टीम हर केंद्र का निरीक्षण कर रही है। इसके बाद भी मंगलवार को 12 वीं की परीक्षा में प्रदेशभर में करीब 15 नकल प्रकरण दर्ज कराए गए हैं।
भोपाल के नजीराबाद के तीन परीक्षा केंद्रों पर नकल के नौ प्रकरण दर्ज हुए। इसमें चित्रांश मेमोरियल स्कूल, ब्लू बर्ड स्कूल और शासकीय उमावि नजीराबाद परीक्षा केंद्रों पर परीक्षार्थी नकल करते पकड़ाए।
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प्रदेश में बोर्ड परीक्षाओं में नकल के लिए कई इलाके तो बहुत बदनाम हैं।
इनमें भिंड भी शामिल है जोकि नकल माफिया के चंगुल में फंसा है। यहां सामूहिक नकल कराई जाती रही है। ऐसे मामलों में कई शिक्षक भी दोषी करार दिए जा चुके हैं। नकल के साथ ही फर्जी परीक्षार्थियों के परीक्षा देने के अनेक प्रकरण सामने आते रहे हैं।
सबसे बुरी बात तो यह है कि नकल करनेवाले परीक्षार्थियों को पकड़े जाने का डर तक नहीं होता जबकि ऐसा करते पाए जाने पर एमपी में बहुत कड़ी सजा का प्रावधान है। परीक्षा अधिनियम का उल्लंघन गंभीर आपराधिक कृत्य माना गया है।
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परीक्षा अधिनियम के तहत एमपी में कोई परीक्षार्थी बोर्ड परीक्षा में नकल करते पकड़ा जाता है तो उसे न केवल जुर्माना देना होगा बल्कि कई साल तक जेल की सलाखों के पीछे भी रहना होगा। परीक्षा अधिनियम में ऐसी नकलची परीक्षार्थी को 3 साल तक जेल की सजा हो सकती है। अधिनियम में 5 हजार रुपए अर्थदंड का भी प्रावधान है।
भिंड में कुछ परीक्षार्थियों को नकल करने पर सजा सुनाई भी जा चुकी है।
भिंड के जिला लोक अभियोजन अधिकारी अरविंद कुमार श्रीवास्तव बताते हैं कि पिछले साल यानि सन 2023 में ऐसे दो मामलों में कोर्ट ने सजा सुनाई।
परीक्षा अधिनियम के अंतर्गत गोहद और भिंड कोर्ट में नकलची परीक्षार्थियों को सजा सुनायी गई थी।