क्या है हिट एंड रन
दरअसल हिट एंड रन कानून में थोड़ा बदलाव केंद्र सरकार का सख्त रवैया है। जो केवल ऐसे हादसों पर रोक लगाने के लिए जरूरी समझा गया। हिट एंड रन कानून के मुताबिक यदि कोई दुर्घटना होती है और ड्राइवर इस हादसे की सूचना पुलिस और मजिस्ट्रेट को देता है, तो भारत न्याय संहिता की 106 (1) धारा लगती है। यह एक जमानती धारा है। इसमें 5 साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है।
हिट एंड रन का नया नियम क्या है?
जिस नियम को लेकर देशभर में बवाल मचा हुआ है वह हाल ही में संसद से पारित तीन नए कानून का हिस्सा है। आईपीसी की जगह लेने वाली भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 104 में हिट एन्ड रन का उल्लेख किया गया है। यह धारा लापरवाही से मौत का कारण के लिए दंडात्मक कार्रवाई का प्रावधान करती है।
भागने पर ही कठोर सजा और जुर्माना
हिट एंड रन कानून में बदलाव के बाद यदि ड्राइवर हादसे के बाद बिना कोई सूचना दिए भाग जाता है तब केंद्र सरकार ने सख्ती बरतने की तैयारी की है। इस तैयारी के तहत हिट एंड रन के मामले में कोई सूचना नहीं देने पर 106 (2) धारा लगाई जाएगी। यह धारा गैर जमानती है। हादसे के बाद ड्राइवर के भागने की कंडिशन में ही यह धारा लगाई जाएगी। इस धारा के तहत जुर्माने(7 लाख रुपए) के साथ ही सजा (10 साल की) का प्रावधान भी किया गया है। हालांकि अभी इस नये प्रावधान का कोई नोटिफिकेशन जारी नहीं हुआ है, ऐसे में अब तक ये कानून लागू ही नहीं किया गया है। यानी अगर कोई ड्राइवर किसी को गलती से टक्कर मार देता है और इसकी सूचना पुलिस और मजिस्ट्रेट को दे देता है तब उस पर जमानती धारा के तहत ही मामला दर्ज किया जाएगा। इसका सबसे बड़ा फायदा तो यही है कि ऐसे हादसों में कमी आएगी। ड्राइवर नशे में धुत होकर वाहन चलाने से बचेंगे। पुलिस को सबूत मिलने में आसानी होगी, न्यायिक प्रक्रिया में देरी नहीं होगी। सजा कम होगी।
किस पर है लागू, क्यों डरे हैं ट्रक ड्राइवर्स
दरअसल हिट एंड रन कानून केवल लापरवाही पूर्वक वाहन चलाने वालों पर लागू होता है वे भी उस कंडिशन में जब उनकी जरा सी गलती से हादसे होते हैं। ये हादसे कभी-कभी हल्की चोटों या घायल होने तक सीमित हो सकते हैं या फिर बड़े यानी जानलेवा भी। ऐसे में होता ये है कि जैसे ही हादसा होता है, तो ड्राइवर डर के भाग जाता है कि कहीं वह लोगों के गुस्से का शिकार न हो जाए या फिर जेल जाने का डर। लेकिन ये नियम केवल ट्रक ड्राइवरों के लिए नहीं हैं बल्कि हर तरह के वाहनों के ड्राइवर्स पर लागू है।
अभी सिर्फ संसद से पास हुआ है विधेयक, कब माना जाएगा लागू
हिट एंड रन के कानून में किए गए बदलाव को लेकर अभी केवल बदलाव के लिए प्रस्तावित विधेयक ही राज्य सभा और लोक सभा यानी संसद से पास हुआ है। अभी इसका नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया है। नोटिफिकेशन जारी करने से पहले ऑल इंडिया मोटर्स ट्रांसपोर्ट कांग्रेस से भी चर्चा की जाएगी। उसके बाद गजट नोटिफिकेशन जारी होगा। जिस दिन ये गजट नोटिफिकेशन जारी होगा, उसी तारीख से हिट एंड रन कानून बदलाव के साथ लागू माना जाएगा।
हालात बदतर, इसलिए जरूरी ये नया बदलाव
हिट एंड रन कानून में बदलाव किए जाने की जरूरत सरकार को यूं ही नहीं पड़ी। ये रिपोर्ट देखकर आप भी कहेंगे हां ऐसा होना चाहिए…
* दरअसल देश में हर घंटे 53 हादसे होते हैं, इन हादसों में 19 लोग असमय जान गंवाते हैं।
* 2022 में 4.61 लाख हादसों में 1.68 लाख लोग मौत की नींद सोए।
* 2022 में सबसे ज्यादा हादसे ओवरस्पीड के कारण हुए। ऐसे मामलों की संख्या 72 फीसदी रही।
* 67 फीसदी हादसे सीधी सड़कों पर होते हैं न कि घुमावदार या अंधे मोड़ों पर।
* क्योंकि सीधी सड़कों पर ज्यादातर लोगों का ड्राइविंग करते समय ध्यान ज्यादा भटकता है और वे इन्हीं सड़कों पर ओवर स्पीड भी रखते हैं।
* हादसों का बड़ा कारण ड्राइविंग करते समय तेज आवाज में म्युजिक सुनना, मोबाइल पर बात करना भी रहा।
* यही नहीं हादसों का एक कारण ड्राइविंग के दौरान निर्माणाधीन बिल्डिंग्स को देखना और विज्ञापन लगे बड़े होर्डिंग्स पर नजर जाना भी रहा।
* इसके साथ ही दुर्घटनाओं की बड़ी वजह ट्रक ड्राइवरों का शराब पीकर ड्राइविंग करना ही नहीं, बल्कि थकान और नींद को इग्नोर करते हुए ड्राइविंग करना भी बना। एसएफएफ की स्टडी के मुताबिक थकान और नींद के बाद भी ये ड्राइवर 12 घंटे ड्राइविंग करते हैं।
* 20 फीसदी ट्रक ड्राइवर ड्रग्स लेकर ड्राइविंग करते हैं।
* 53 फीसदी ऐसे ट्रक ड्राइवर्स हैं, जो न चाहते हुए भी ड्राइविंग का काम कर रहे हैं। ऐसे में वे फ्रस्टेड होकर ड्राइविंग करते हैं और लापरवाही बरतते हैं।
इन देशों में भी सख्त है हिट एंड रन कानून
भारत इस मामले पर भले ही अब सख्त कदम उठा रहा है, लेकिन कई देशों में पहले से ही सख्त कानून हैं। जापान में हिट एंड रन कानून के तहत 1 साल से लेकर अधिकतम 7 साल तक की सजा और 6 लाख रुपए जुर्माने का प्रावधान है। जबकि अमरीका में 1 से 10 साल तक की सजा का प्रावधान है।