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मौसम वैज्ञानिकों ने बताया कि पाकिस्तान के आसपास चक्रवातीय पश्चिमी विक्षोभ एक्टिव है। इससे पंजाब एवं आसपास कम दबाव का क्षेत्र निर्मित हो गया है। कर्नाटक से मध्यप्रदेश के दक्षिण पश्चिमी क्षेत्र तक द्रोणिका बनी है। अरब सागर से आ रही नमी का भी असर हो रहा है। इन सभी सिस्टम की वजह से एमपी के उत्तरी जिलों में जबर्दस्त बदलाव हुआ। प्रदेश के इन्हीं हिस्सों में ओला—पानी बरसा और बिजली गिरी।
सोमवार को भी कुछ जगहों पर ओलावृष्टि की चेतावनी दी गई थी। 40 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से तेज हवाएं चलने और कुछ जगहों पर बारिश का भी अलर्ट जारी किया गया था। हालांकि दिन ठीकठाक गुजर गया, कुछेक जगहों पर तेज हवा चली, पानी भी गिरा पर ओले नहीं बरसे।
मौसम विज्ञानियों ने बताया कि एक्टिव सिस्टम अब कमजोर पड़ने लगे हैं। यही कारण है कि सोमवार को मौसम धीरे-धीरे साफ होने लगा। मंगलवार का दिन भी राहत भरा ही साबित हो सकता है।
इसके बाद यानि 5 मार्च की रात से मौसम में फिर बदलाव होगा। दरअसल मंगलवार रात से नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने का अनुमान है। इस पश्चिमी विक्षोभ से मौसम में खासा बदलाव होगा। हवाओं का रुख भी बदलेगा। इससे रात का तापमान गिरने की अनुमान है। इस प्रकार ठंड लौट आने की पूरी संभावना है।
तापमान में उतार चढ़ाव बना रहेगा- मौसम विभाग के अनुसार अब कुछ दिनों तक प्रदेश में बादलों की आवाजाही चलती रहेगी हालांकि बरसात होने की संभावना बेहद कम है। तापमान में उतार चढ़ाव बना रहेगा, यानि वसंत पूरे शबाब पर रहेगा। कभी ठंड लगेगी तो कभी गर्मी का अहसास होगा। 10 मार्च तक मौसम का मिजाज ऐसा ही बना रहेगा। इसके बाद तापमान में तेजी से वृद्धि होने का अनुमान है। दिन के साथ ही रात में भी पारा बढ़ेगा।