scriptखाटू श्याम से…उज्जैन महाकाल, ओंकारेश्वर के लिए चलेगी वंदे भारत ट्रेन और इलेक्ट्रिक बस, आराम से करें दर्शन | Vande Bharat train will run from Khatu Shyam to Ujjain Mahakal | Patrika News
भोपाल

खाटू श्याम से…उज्जैन महाकाल, ओंकारेश्वर के लिए चलेगी वंदे भारत ट्रेन और इलेक्ट्रिक बस, आराम से करें दर्शन

Vande Bharat train: भजनलाल की सरकार और मोहन सरकार के बीच खाटू-श्याम, नाथद्वारा, उज्जैन, ओंकारेश्वर के बीच वंदे भारत ट्रेन व इलेक्ट्रिक बस चलाई जाने पर भी सहमति बन गई है।

भोपालJul 01, 2024 / 09:19 am

Ashtha Awasthi

Vande Bharat train

Vande Bharat train

Vande Bharat train: अगर आप खाटू श्याम से उज्जैन महाकाल जाने का प्लान बना रहे है तो ये खबर आपके काम की है। बता दें कि बीस साल के विवाद के बाद आखिरकार मप्र और राजस्थान के बीच 72 हजार करोड़ की पार्वती- कालीसिंध-चंबल अंतरराज्यीय नदी लिंक परियोजना की अड़चन खत्म हो गई। परियोजना 2004 से प्रस्तावित थी। दोनों राज्यों के बीच कई मनमुटाव थे। इससे दोनों राज्यों के 13-13 जिले प्रभावित थे।

अवरोध खत्म हो गए

6 माह पहले मप्र में बनी मोहन व राजस्थान की भजनलाल की सरकार ने विवाद सुलझाए। रविवार को भोपाल के मिंटो हॉल में सीएम डॉ. मोहन यादव और राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा की मौजूदगी में परियोजना की वैधानिक कार्रवाई पूरी की गई। इसी दौरान खाटू-श्याम, नाथद्वारा, उज्जैन, ओंकारेश्वर के बीच वंदे भारत ट्रेन व इलेक्ट्रिक बस चलाई जाने पर भी सहमति बन गई है।
Bhajanlal Sarkar
सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा, छोटे मनमुटाव थे। पहले भी खत्म हो सकते थे, पर नहीं हुआ। हमने गंभीरता से जनवरी में शुरुआत की। अवरोध खत्म हो गए। अब दोनों राज्य पानीदार बनेंगे। सीएम शर्मा ने कहा, राजस्थान की कांग्रेस की सरकार के अड़ंगे कई पीढिय़ों को जरूरत का पानी नहीं मिला।
ये भी पढ़ें: पाकिस्तान के नहीं, अब भारत के हैं समीर और संजना, बोले- ‘वहां कॉलेज जाना भी मुश्किल’….

इन पर साथ करेंगे काम

-खाटू-श्याम, नाथद्वारा, उज्जैन, ओंकारेश्वर के बीच वंदे भारत ट्रेन व इलेक्ट्रिक बस चलाई जाएगी
-राजस्थान मध्यप्रदेश की खनन नीति अपनाएगा।

-दोनों राज्यों में बजरी का प्रयोग बंद कर स्टोन डस्ट और एम सैंड के उपयोग को बढ़ावा दिया जाएगा।

-आयुर्वेद, आयुष, पंचकर्म पर्यटन को बढ़ावा देने के संयुक्त प्रयास होंगे।
-मप्र पर्यटन की होटल आऊटसोर्सिंग नीति को राजस्थान अपनाएगा।

-दोनों राज्य अफीम, डोडा चूरा से जुड़े अपराधियों का डेटा बेस साझा कर नीलामी नीति में एकरूपता लाएंगे, ताकि बेवजह फंसने वाले लोगों को राहत मिल सके।
-दोनों राज्यों की सीमा पर स्थित मेडिकल कॉलेज व संसाधनों का एक-दूसरे राज्य जरुरत पडऩे पर उपयोग करेंगे।

-कूनो से लगे राजस्थान के वन क्षेत्रों को मिलाकर एक संयुक्त बड़ा राष्ट्रीय पार्क बनाने की दिशा में संयुक्त प्रयास होंगे।

एक नजर में परियोजना

परियोजना 72 हजार करोड़ की है। मप्र का 35 और राजस्थान 37 हजार करोड़ खर्च होगा। मप्र के 10 जिले उज्जैन, इंदौर, धार, गुना, श्योपुर, शिवपुरी, ग्वालियर, भिंड, शाजापुर, आगर-मालवा की 3.37 लाख हेक्टेयर जमीन में सिंचाई होगी। 3.15 लाख किसान लाभ होगा। राजस्थान में 2.80 लाख हेक्टेयर में सिंचाई होगी, 2 लाख से अधिक किसान को फायदा हेागा। 17 बांध बनेंगे, जिनकी जल भराव क्षमता 1477.62 मिलियन घन मीटर होगी।

Hindi News/ Bhopal / खाटू श्याम से…उज्जैन महाकाल, ओंकारेश्वर के लिए चलेगी वंदे भारत ट्रेन और इलेक्ट्रिक बस, आराम से करें दर्शन

ट्रेंडिंग वीडियो