मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी ( BJP ) की कद्दावर नेता उमा भारती का दर्द उस समय छलक पड़ा जब वे पिछले दिनों अपने गृह जिले टीकमगढ़ में अपने भाई पूर्व विधायक स्वामी लोधी की पुण्य तिथि के कार्यक्रम में शिरकत करने आई थीं।
मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में मंत्री रही उमा भारती ने इस दौरान अपनी बीती बातों को याद करके एक ऐसा बयान दिया है, जिसके बाद राजनीति गर्मा सकती है। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर अप्रत्यक्ष रूप से निशाना साधते हुए यहां तक कह दिया कि यदि मैं नहीं चाहती तो कोई माई का लाल उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटा नहीं सकता था।
शिवराज से जुड़ा है यह शब्द
गौरतलब है कि जब उमा भारती ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था और उसके बाद शिवराज सिंह चौहान को यह पद दे दिया था, तभी से दोनों की दिशाएं विपरीत हो गई थीं। हालांकि सन 2015 के आसपास कुछ सुधार दिखा था। माना जा रहा है कि उमा भारती ने टीकमगढ़ में दिए माई के लाल वाले बयान को शिवराज पर तंज की तरह देखा जा रहा है।
यह भी है मायने
हाल ही में कर्नाटक और गोवा में कांग्रेस संकट में चल रही है। ऐसे में कांग्रेस अपने विधायकों को बचाने के हिसाब-किताब में लगी हुई है। यदि अंकों का हिसाब देखा जाए तो कांग्रेस अन्य दलों जैसे बीएसपी के दो विधायक, एसपी का एक और निर्दलीय चार विधायकों के भरोसे मध्यप्रदेश में सरकार चला रही है। माना जा रहा है कि यदि कभी भी बीजेपी ने कांग्रेस का गणित बिगाड़ दिया तो मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान को भले ही भाजपा ने सदस्यता अभियान का राष्ट्रीय प्रभारी बना दिया हो, लेकिन अब भी उन्होंने मुख्य रूप से वे मध्यप्रदेश में धुरी बने हुए हैं। चौहान भी जानते हैं कि यदि प्रदेश में कांग्रेस का गणित बिगड़ा तो वे एक बार फिर सीएम बन सकते हैं।
यह था उमा का बयान
टीकमगढ़ में मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने कहा था कि उन्हें कोई माई का लाल मुख्यमंत्री पद से नहीं हटा सकता था, वह तो तिरंगे के सम्मान में कुर्सी छोड़ गई थीं। इस दौरान भारती ने बुंदेलखंड को अलग राज्य बनाने की भी वकालत की। गौरतलब है कि उमा भारती ने हाल ही में लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा था। इससे पहले ही उन्होंने चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा कर दी थी।
उमा की नजर मध्यप्रदेश पर
हाल ही में लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने के बाद उमा भारती के बयान से यह भी संकेत मिलते हैं कि वे मध्यप्रदेश में वापसी कर सकती हैं। चुनाव में टिकट नहीं मिलने के बाद यह भी माना जा रहा था कि उन्हें मध्यप्रदेश में दोबारा से सक्रिय किया जा सकता है।