सरकारी कर्मचारी अधिकारियों के सर्विस रिकार्ड सर्विस बुक में कई प्रकार की गड़बड़ियां पाई जाती हैं। कई जन्मतिथि गलत लिख दी जाती है तो कभी सेवा पर नियुक्ति की तारीख गलत होती है। खाता नंबर और आधार नंबर में भी गड़बड़ियां सामने आती रहीं हैं। इन गड़बड़ियां को दूर करने के लिए संशोधन के लिए बड़ी संख्या में आवेदन आते हैं।
कर्मचारियों के ऐसे आवेदनों से कोष एवं लेखा संचालनालय परेशान हो गया है। ऐसे में संचालक ने एक आदेश जारी करते हुए स्पष्ट किया है कि सर्विस रिकार्ड में संशोधन के लिए पत्राचार करने की कर्मचारी को जरूरत ही नहीं है। इसके लिए स्टेंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) जारी की जा चुकी है। इसके अनुसार सक्षम अधिकारी से स्वीकृति लेकर संशोधन किए जा सकते हैं।
यह भी पढ़ें : एमपी हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, कलेक्टर और सीईओ के खिलाफ जारी किया गिरफ्तारी वारंट
कोष एवं लेखा विभाग के संचालक का कहना है कि सर्विस रिकार्ड संधारित करने की जिम्मेदारी कार्यालय प्रमुख (डीडीओ) की है। कर्मचारियों का डाटाबेस एकीकृत वित्तीय प्रबंधन सूचना प्रणाली (IFMIS) से तैयार किया जाता है। इस सिस्टम में सर्विस रिकार्ड के आधार पर डाटा का अपडेशन होता है।
अभी तक कर्मचारियों अधिकारियों के सर्विस रिकार्ड 4 दशक पुरानी पद्धति से संधारित किए जाते थे। इसमें गड़बड़ियां होती थीं लेकिन अब नई तकनीक से संधारित किए जा रहे हैं। इससे कर्मचारियों को आनेवाली बार-बार की समस्याओं से निजात मिल जाएगी।
नए सिस्टम में कर्मचारियों के सेवा अभिलेखों में जन्मतिथि, नियुक्ति तिथि, आधार नंबर, खाता नंबर, एम्पलाइज कोड सहित अन्य आवश्यक जानकारी आधुनिक तकनीक से संधारित की जाएगी। इससे प्रदेश के कर्मचारियों को बड़ी सुविधा मिल जाएगी।