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दूध और दवाइयों की सप्लाई प्रभावित
मध्य प्रदेश में अगर बाहरी राज्यों के कमर्शियल व्हीकल नहीं आए तो इन तीन दिनों में दवाईयों से लेकर रोजमर्रा की चीजों की सप्लाई प्रभावित होगी। जरूरत पड़ने पर लोगों को अधिक कीमत में जरूरी सामान खरीदना पड़ेगा, इसमें मुख्य रूप से सब्जी और डेयरी प्रोडक्ट हैं। ऑल इंडिया मोटर्स ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के डिस्ट्रिक प्रेसीडेंट विनोद जैन के मुताबिक, प्रदेश से लगे राज्यों के ट्रांसपोर्टरों से बात हुई। उन्होंने भी हड़ताल को समर्थन दिया है। प्रदेश में इन राज्यों के रोजाना करीब 50 हजार कमर्शियल वाहन गुजरते हैं। वो भी अब तीन दिन तक प्रदेश से नहीं गुजरेंगे। हड़ताल के चलते रोजाना की चीजों की सप्लाई प्रभावित होगी, लेकिन लंबी न चलने से दौबारा सब ठीक हो जाएगा। बहरहाल, बाजार प्रभावित जरूर होगा।
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11 अगस्त को आरटीओ बैरियर पर प्रदर्शन किया जाएगा
जैन ने बताया कि 11 अगस्त को प्रदेश के चार आरटीओ बैरियर पर प्रदर्शन करेंगे। यह बैरियर हैं- सेंधवा, मुरैना, मालथौन, और मुलताई हैं। यहां पर हर गाड़ी से 500 रुपए निकलने का लिया जाता है। इसे भी कम करने की मांग कर रहे हैं।
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एमपी के बजाय दूसरे राज्यों में भरवाते हैं डीजल
दूसरे राज्यों जैसे दिल्ली और महाराष्ट्र में डीजल के रेट कम होने के कारण मध्य प्रदेश के अधिकांश ट्रांसपोर्टर दूसरे राज्यों में डीजल भरवाने को मजबूर हैं। प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, भोपाल से रोजाना 200 कमर्शियल वाहन दिल्ली जाते हैं। वहां पर डीजल के दामों में 10 रुपए अंतर (कम) है। ऐसे में इस रूट के सभी ड्राइवर दिल्ली से ही डीजल भरवाते हैं।
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