भोपाल

राजधानी के पास के जंगलों में होती थी आतंकियों की ट्रेनिंग, सिखाते थे बंदूक चलाना

राजधानी भोपाल से करीब 45 किलोमीटर दूर स्थित रायसेन के जंगलों में ही आतंकियों का ट्रेनिंग सेंटर चलता था, यहां चोरी छुपे आतंकियों को बंदूक चलाना सिखाते थे।

भोपालMay 11, 2023 / 03:15 pm

Subodh Tripathi

राजधानी के पास के जंगलों में होती थी आतंकियों की ट्रेनिंग, सिखाते थे बंदूक चलाना

भोपाल. एनआईए और मप्र एटीएस की टीम ने संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए आतंकी संगठन हिज्ब उत तहरीर के करीब एक दर्जन संदिग्ध आतंकियों को गिरफ्तार किया गया है। इनसे पूछताछ खुलासा हुआ है कि राजधानी भोपाल के पास स्थित रायसेन के जंगलों में ही आतंकियों को ट्रेनिंग दी जाती है, यहां चोरी छुपे उन्हें बंदूक चलाना सिखाते थे।

 

जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा और भोपाल में आतंकी संगठनों के संदिग्ध ठिकानों पर दबिश देकर करीब एक दर्जन से अधिक संदिग्धों को उठाया है, इनसे कड़ी पूछताछ की जा रही है, बताया जा रहा है कि इनमें से तीन एचयूटी के आतंकवादी है, जिनकी गिरफ्तारी की जाएगी, बाकी से पूछताछ करने के बाद ही आगे की कार्रवाई होगी।

 

संदिग्धों से पूछताछ में बड़ा खुलासा हुआ है, जिसमें बताया गया कि आंतकियों को रायसेन के जंगलों में चोरी छुपे बंदूक चलाने की ट्रेनिंग दी जाती थी, इसके लिए खतरनाक मानसिकता रखने वाले आतंकवादी ऑटो ड्राइवर, दर्जी, टेक्नीशियन आदि के रूप में आमजन के बीच में रहकर अपने कार्य को अंजाम दे रहे थे, इस मामले में पता चला है कि राजधानी भोपाल के कोहेफिजा में भी एक कोचिंग सेंटर चलाया जा रहा था, जिसमें इस्लामिक जिहाद फैलाने का काम किया जा रहा था। बताया जा रहा है कि हिब्ज उत तहरीर अथवा तहरीक एक खिलाफत संगठन का नेटवर्क करीब पांच दर्जन से अधिक देशों में फैला हुआ है, इस संगठन पर करीब १६ देशों में प्रतिबंध भी लग चुका है।

 

राजधानी भोपाल से इन्हें किया गिरफ्तार
राजधानी भोपाल से हिज्ब उत तहरीर संगठन के सदस्यों में यासिर खान (29) निवासी शाहजनाबाद भोपाल (जिम ट्रेनर), सैयद सामी रिजवी (32) निवासी मेलेनियम हेबिटेट शहीद नगर, भोपाल (कोचिंग टीचर), शाहरूख निवासी जवाहर कॉलोनी ऐशबाग भोपाल (दर्जी), मिस्बाह उल हक निवासी हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी, ऐशबाग, भोपाल (मजदूरी), शाहिद निवासी जवाहर कॉलोनी, ऐशबाग, भोपाल (ऑटो ड्राइवर), सैयद दानिश अली निवासी सोनिया गांधी कॉलोनी, ऐशबाग, भोपाल (सॉफ्टवेयर इंजीनियर), मेहराज अली निवासी मसूद भाई का मकान, ऐशबाग, भोपाल (कम्प्यूटर टेक्नीशियन), खालिद हुसैन निवासी बारेला गांव लालघाटी भोपाल, (टीचर और व्यवसायी), वसीम खान निवासी उमराव दूल्हा, ऐशबाग, भोपाल, मोहम्मद आलम निवासी नूरमहल रोड, चौकी इमामबाड़ा, भोपाल और करीम निवासी छिंदवाड़ा (प्रायवेट नौकरी) करने वाले हैं। जोकि आमजन के मध्य कार्य करते हुए संदिग्ध गतिविधियों को अंजाम दे रहे थे। इन्हें एनआईए और एटीएस की टीम ने उठा लिया है। जिनमें से करीब ११ लोगों को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है।

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इस मामले में गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा का कहना है कि ये लोग रायसेन के जंगलों में कैंप करके गोलीबारी का प्रशिक्षण लेते थे। कैंप में हैदराबाद से आए संगठन के दक्ष प्रशिक्षक शामिल सदस्यों को ट्रेनिंग देते थे। गोपनीय रूप से दर्श (धार्मिक सभा) आयोजित कर भडक़ाऊ तकरीरें व जेहादी साहित्य का वितरण किया जाता था। ये आपस में बातचीत करने के लिए डार्क वेब में प्रचलित विभिन्न कम्युनिकेशन ऐप जैसे ‘रॉकेट चैट’, ‘श्रीमा’ एवं अन्य ऐप का उपयोग करते थे, जिनका उपयोग अधिकतर आतंकी संगठन जैसे ‘आईएसआईएस द्वारा भी किया जाता है। भोपाल से गिरफ्तार किए गए कट्टरपंथी संगठन हिब्ज-उत-तहरीर से जुड़े 11 लोगों को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है।

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इस बारे में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश भर के पुलिस अधिकारियों की बैठक कर उन्हें सख्त निर्देश दिए थे कि प्रदेश में कट्टरता नहीं सही जाएगी। उन्होंने कहा कि अशांति फैलाने वाले अराजक तत्वों के मंसूबों को हम कभी पूरा नहीं होने देंगे।

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