इसी बीच अब मैनिट से जुड़े हुए मेपकास्ट में भी रहने वाले वैज्ञानिकों व अन्य कर्मचारियों ने वन विभाग से मेपकास्ट में भी पेट्रोलिंग करने की मांग की है। मैनिट की जमीन से ही मेपकास्ट को साढ़े दस एकड़ जमीन आवंटित की गई है। जिसमें से करीब ढाई एकड़ में परिसर बनाया हुआ है। बाकी सात एकड़ के करीब घना जंगल क्षेत्र है। मेपकास्ट और मैनिट के बीच आधा किमी की दीवार है, जिसमें से 400 फीट की दीवार टूटी हुई है। यहां रहने वालों को आशंका है कि कहीं बाघ मैनिट से निकलने की बजाय मेपकास्ट परिसर में दाखिल न हो जाए। ऐसे में यहां भी पेट्रोलिंग बढ़ाने व कैमरे लगाने की मांग की गई है।